पटना : बिहार की राजधानी पटना के शेल्टर होम की दो युवतियों की मौत परराजदके युवा नेता तेजस्वीयादव ने ट्विट कर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तंज कसा है. तेजस्वी ने सवाल खड़ा किया है कि पटना के शेल्टर होम की जिन दो युवतियों की अचानक मौत हुई है, क्या वे मुजफ्फरपुर से लायी गयी थीं. क्या यह संयोग है कि दोनों लड़कियां व्यस्क थीं. सब जानती थीं, इसलिए मार दिया गया. पुलिस को सूचना दिये बगैर उनका अंतिम संस्कार क्यों किया जा रहा था. नीतीश जी, ये कौन करवा रहा है?
पटना के शेल्टर होम की जिन दो लड़कियों की अकस्मात मौत हुई है क्या वो मुज़फ़्फ़रपुर से यहाँ लाई गयी थी?
क्या यह संयोग है कि दोनों लड़कियाँ वयस्क थी, सब जानती थी इसलिए मार दिया गया?
पुलिस को सूचना दिए बिना उनका अंतिम संस्कार क्यों किया जा रहा था?
नीतीश जी, ये कौन करवा रहा है? https://t.co/OOLgl2DjA4
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 12, 2018
गौर हो कि पटना शहर के राजीव नगर थाना अंतर्गत नेपाली नगर में संचालित एक आश्रय गृह में एक लड़की सहित दो महिलाओं की संदिग्ध मौत होने का मामला प्रकाश में आने पर समाज कल्याण विभाग और जिला प्रशासन ने इसकी जांच शुरू कर दी है. इसके साथ ही इस मामले में आश्रय गृह के संचालक और कोषाध्यक्ष सहित चार लोगों से पूछताछ की जा रही है.
पटना प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक नैय्यर हसनैन खान ने बताया कि इस मामले में उक्त आश्रय गृह के संचालक चिरंतन कुमार और उसे संचालित करने वाली स्वयंसेवी संस्था (एनजीओ) की कोषाध्यक्ष सहित एनजीओ के चार लोगों से पूछताछ जारी है. इससे पूर्व समाज कल्याण विभाग के निदेशक राजकुमार ने बताया था कि गत 10 अगस्त की शाम में उक्त आश्रय गृह में रह रही दो महिलाओं जिनकी उम्र 17 और 40 साल थी, की तबीयत अचानक खराब (एक को डायरिया और दूसरी महिला को बुखार) होने पर अतिरिक्त निदेशक, बाल संरक्षण कामत ने उन्हें इलाज के लिए पटना मेडिकल कालेज भेजा था.
पटना मेडिकल कालेज अस्पताल के अधीक्षक राजीव रंजन प्रसाद ने कहा था कि इन महिलाओं को अस्पताल में मृत लाया गया था. प्रसाद के इस कथन पर राजकुमार ने बताया कि इसकी पटना के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तथा विभाग के दो अतिरिक्त निदेशक, बाल संरक्षण राकेश और विनोद द्वारा जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि उन लड़कियों को अस्पताल ले जाने वाहन चालक ने उन्हें पीएमसीएच जीवित अवस्था में ले जाने की बात बतायी है.
राजकुमार ने बताया कि 17 वर्षीय एक लड़की का अंतिम संस्कार अतिरिक्त निदेशक, बाल संरक्षण कामत और उक्त आश्रय गृह को संचालित करने वाली संस्था अनुमाया द्वारा कर दिया गया था जबकि दूसरी के धर्म के बारे में पता नहीं होने के कारण उनका अभी तक अंतिम संस्कार नहीं किया जा सका है. उन्होंने बताया कि जांच के अनुसार रिपोर्ट प्राप्त होने पर दोषी के खिलाफ कार्रवाई होगी.
पटना प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक नैय्यर हसनैन खान ने बताया कि इस मामले की पटना के जिलाधिकारी कुमार रवि और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनु महाराज द्वारा जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि शुरुआती जांच में आश्रय गृह में रहने के दौरान दोनों महिलाओं के इलाज में लापरवाही बरतने जाने की बात सामने आ रही है और अगर यह सिद्ध होता है तो वरिष्ठ पुलिस से कहा है कि उनकी देखभाल के लिए जिम्मेवार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें.
नैय्यर हसनैन खान ने बताया कि एक महिला जिसका अभी तक अंतिम संस्कार नहीं किया गया है, के शव का पोस्टमार्टम फिर से मेडिकल बोर्ड द्वारा कराया जाये जाने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि एक तो उक्त आश्रय गृह से जुड़े लोगों ने दोनों महिलाओं की मौत होने की सूचना न तो राजीव नगर थाने और न ही पीएमसीएच के निकट स्थित पीरबहोर थाना को दी तथा दोनों शवों का कल पोस्टमार्टम कराकर उसमें से एक का आनन फानन में अंतिम संस्कार भी कर दिया.
खान ने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को यह भी जांच करने को कहा है कि इन लोगों ने पुलिस को दोनों की मौत की इत्तला क्यों नहीं दी और इसे पुलिस से क्यों छुपाया तथा इसकी भी जांच की जाये कि पोस्टमार्टम कराकर उसमें से एक का आनन फानन में अंतिम संस्कार क्यों कर दिया गया.
उल्लेखनीय है कि गत 10 अगस्त को ही उक्त आश्रय गृह से तीन लड़कियां फरार हो गयी जबकि फरार होने की कोशिश कर रही एक अन्य लड़की की शिकायत पर आश्रय गृह के पड़ोस में रह रहे बनारसी नाम के एक व्यक्ति जिस पर उक्त लड़की ने अपने साथ छेड़छाड़ करने तथा प्रलोभन देकर भगाने की कोशिश करने का आरोप लगाया था, को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. राजकुमार ने बताया कि बिहार में इस तरह के तीन आश्रय गृह हैं जहां मानसिक तौर पर बीमार लड़कियों और महिलाओं को रखा जाता है.