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Karunanidhi के निधन पर राष्ट्रपति कोविंद, PM मोदी आैर इन्होंने जताया शोक

नयीदिल्ली : तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और डीएमके चीफ एम करुणानिधि का निधन हो गया. 94 साल के करुणानिधि पिछले 28 जुलाई से चेन्नई के कावेरी अस्पताल में भर्ती थे. मंगलवार शाम 6 बजकर 10 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली. कावेरी अस्पताल के कार्यकारी निदेशक डॉक्टर अरविंदन सेल्वाराज की ओर से जारी विज्ञप्ति के […]

नयीदिल्ली : तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और डीएमके चीफ एम करुणानिधि का निधन हो गया. 94 साल के करुणानिधि पिछले 28 जुलाई से चेन्नई के कावेरी अस्पताल में भर्ती थे. मंगलवार शाम 6 बजकर 10 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली.

कावेरी अस्पताल के कार्यकारी निदेशक डॉक्टर अरविंदन सेल्वाराज की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, हमें बड़े दुख के साथ बताना पड़ रहा है कि हमारे प्रिय कलैंग्नर एम करुणानिधि का सात अगस्त, 2018 को शाम छह बजकर दस मिनट पर निधन हो गया. डॉक्टरों और नर्सों की हमारी टीम के सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका.

इससे पहले जारी मेडिकल बुलेटिन में उनकी हालत बेहद नाजुक होने की बात कही गयी थी, जिसके बाद से उनके आवास और अस्पताल में डीएमके समर्थकों की भीड़ जमा हो गयी.

करुणानिधि के गुजरने की खबर के आते ही तमिलनाडु सहित पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गयी. डीएमके समर्थक सड़कों पर उतर आये.

करुणानिधि के निधन पर तमिलनाडु सरकार ने बुधवार की छुट्टी और पूरे सूबे में सात दिवसीय शोक की घोषणा की है. तमिलनाडु में थिएटर बंद कर दिये गये हैं. थिएटर ऑनर एसोसिएशन के ए रामनाथन और पन्नीरसेल्वम ने इसकी पुष्टि की. अब करुणानिधि के शव को कावेरी अस्पताल से गोपालपुरम आवास ले जाया जाएगा और बुधवार सुबह राजाजी हॉल में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अभिनेता रजनीकांत सहित अन्य नेताओं ने ट्वीट कर करुणानिधि के निधन पर शोक जताया है.

उन्होंने कहा कि करुणानिधि को देश हमेशा याद रखेगा. उन्होंने ट्वीट किया, इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदना करुणानिधि के अनगिनत समर्थकों और परिजनों के साथ है. भारत और खासकर तमिलनाडु उनको हमेशा याद रखेगा. उनकी आत्मा को शांति मिले.

मोदी ने कहा, मुझे करुणानिधि से कई अवसरों पर मिलने का अवसर मिला. उनको पॉलिसी की अच्छी समझ थी और वह समाज कल्याण के कार्यों पर जोर देते थे. वह लोकतंत्रिक मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध थे. आपातकाल के खिलाफ उनका कड़ा विरोध हमेशा याद किया जाएगा.

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