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चेतन शर्मा ने दिया भारत को जीत का मंत्र, तेज गेंदबाजों से कहा….

नयी दिल्ली : भारत की इंग्लैंड पर 1986 की टेस्ट शृंखला में जीत के नायक रहे पूर्व तेज गेंदबाज चेतन शर्मा ने इन दोनों देशों के बीच एक अगस्त से शुरू होने वाली पांच टेस्ट मैचों की शृंखला से पहले भारतीय तेज गेंदबाजों को शॉर्ट पिच गेंद करने से बचने और ‘ऊपर गेंद डालने’ (शॉर्ट […]

नयी दिल्ली : भारत की इंग्लैंड पर 1986 की टेस्ट शृंखला में जीत के नायक रहे पूर्व तेज गेंदबाज चेतन शर्मा ने इन दोनों देशों के बीच एक अगस्त से शुरू होने वाली पांच टेस्ट मैचों की शृंखला से पहले भारतीय तेज गेंदबाजों को शॉर्ट पिच गेंद करने से बचने और ‘ऊपर गेंद डालने’ (शॉर्ट ऑफ गुडलेंथ) की सलाह दी है.

शर्मा ने 1986 के दौर में लार्ड्स में पहले टेस्ट मैच की पहली पारी में 64 रन देकर पांच विकेट लेकर भारत की जीत की नींव रखी थी. इसके बाद उन्होंने बर्मिंघम में तीसरे टेस्ट मैच में दस विकेट लिये थे. भारत ने यह शृंखला 2-0 से जीती थी. भारत की तरफ से 23 टेस्ट मैचों में 61 विकेट लेने वाले शर्मा ने कहा कि 32 साल पहले ऊपर गेंद डालने, उसे मूव और स्विंग कराने की रणनीति अपनायी थी जिससे उन्हें सफलता मिली.

उन्होंने इशांत शर्मा, उमेश यादव और मोहम्मद शमी की भारतीय तेज गेंदबाजी की त्रिमूर्ति को भी यही रणनीति अपनाने की सलाह दी. शर्मा ने कहा, परिस्थितियों पर काफी कुछ निर्भर करता है लेकिन वहां से जैसी खबरें आ रही हैं उससे लगता है कि तेज गेंदबाजों के लिये मौसम बहुत अच्छा हो गया है.

बारिश हो रही है और विकेट पर नमी रहेगी. मैं हमेशा से कहता रहा हूं कि इंग्लैंड में आप जितना ऊपर गेंद डालेंगे तो गेंद अधिक स्विंग होगी. शॉर्ट पिच गेंद करने से वहां कोई फायदा नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा, आजकल के जमाने में गति से और शार्ट पिच गेंदों से कोई डरता नहीं है.

आपको गेंद ऊपर डालनी होगी, उसे मूव कराना होगा. अगर आप शॉर्ट ऑफ गुडलेंथ में गेंद कराते हैं तो वह स्वत: ही मूव करेगी और विकेट मिलेंगे. शर्मा का मानना है कि सीमित ओवरों की शृंखला में तेज गेंदबाजों को शॉर्ट पिच गेंदें करने के कारण अपेक्षित सफलता नहीं मिली. उन्होंने कहा, जैसे कि अभी हमने ट्वेंटी20 और वनडे में देखा कि हमारे कुछ गेंदबाजों ने शॉर्ट पिच गेंदें की और उनकी काफी धुनाई हुई.

अगर शॉर्ट पिच गेंद डालोगे तो फिर रन बनेंगे लेकिन शॉर्ट ऑफ गुडलेंथ में गेंद करने से विकेट मिलने की संभावना बढ़ जाएगी. शर्मा ने कहा, विश्व का अच्छे से अच्छा बल्लेबाज भी स्विंग नहीं खेल पाता है. अगर हमारे तीनों तेज गेंदबाज ऊपर गेंद डालते हैं तो मुझे कोई ऐसा कारण नजर नहीं आता है जिससे उन्हें सफलता नहीं मिले.

उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में जिस तरह का प्रदर्शन किया था उसी को दिमाग में रखना होगा. चेतन शर्मा ने इस संदर्भ में 1986 के दौरे का जिक्र भी किया जब उन्होंने अपनी कातिलाना गेंदबाजी से इंग्लैंड के बल्लेबाजों के दिमाग में खौफ पैदा कर दिया था. उन्होंने कहा, आप देखिये मुझे जितने भी विकेट मिले हैं उनमें से अधिकतर पर बल्लेबाजों ने विकेट के पीछे और स्लिप में कैच दिये. कुछ बोल्ड हुए.

शॉर्ट ऑफ गुडलेंथ से गेंद माइक गैटिंग के लिये अंदर आती थी. जब स्विंग की बात आती है तो वर्तमान तेज गेंदबाजी आक्रमण में भुवनेश्वर कुमार का जिक्र सबसे पहले होता है लेकिन चोटिल होने के कारण वह शुरुआती मैचों में नहीं खेल पाएंगे. शर्मा ने कहा कि ऐसे में मोहम्मद शमी के पास अपनी जगह पक्की करने का बेहतरीन मौका है.

उन्होंने कहा, भुवनेश्वर की अनुपस्थिति में शमी के पास बेहतरीन मौका है और उसे इसका पूरा फायदा उठाना चाहिए. ऐसे मौके जिंदगी में बहुत कम मिलते हैं. उसे ऐसे विकेटों पर खेलने का मौका मिल रहा है जिन पर खेलना किसी भी तेज गेंदबाज का सपना होता है. अगर शमी अपनी मजबूत नहीं कर पाते हैं तो फिर वे खुद ही दोषी होंगे.

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