पटना : राज्य के विकास में उद्यमियों को भी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए और सामाजिक सरोकार के कार्यों में भी योगदान देना चाहिए. उक्त बातें राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने एक कार्यक्रम के दौरान कही. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि असफलताओं के कारण घबराना नहीं चाहिए. असफलताओं में ही सफलता के लिए संघर्ष का जज्बा छिपा रहता है. उन्होंने कहा कि असफलताओं के रास्ते से निकलकर आगे बढ़ते रहने पर ही अंतत: एक दिन सफलता की मंजिल मिल जाती है़ राज्यपाल ने उद्यमियों का आह्वान करते हुए कहा कि सामाजिक सरोकार से जुड़े विभिन्न कार्यों, विशेषकर बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए किये जानेवाले कार्यों में भरपूर सहयोग करना चाहिए. उन्होंने कहा कि रोजगार की तलाश में घूम रहे युवाओं के लिए भी उद्यमियों को अपने संस्थान में बहुमुखी योजनाएं कार्यान्वित करनी चाहिए.
राज्यपाल ने कहा कि बाबरनामा में भी कतिपय नकारात्मक टिप्पणियों के बावजूद यह स्वीकार किया गया है कि भारतीयों में हूनरमंदी खूब होती है. उसमें हिन्दुस्तानियों की कारीगरी की सराहना की गयी है. राज्यपाल ने मेरठ शहर का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां कभी कैंची बनाने का काम बड़े बेहतर रूप में होता था. आज छोटे गैस सिलेण्डर यहां के स्थानीय कारीगर बनाते हैं. इसी तरह अन्य छोटे–छोटे शहरों की भी पहचान अपने कई छोटे उद्यमियों की बदौलत ही प्रसिद्ध हो जाती है. राज्यपाल ने उद्यमियों को कारीगरों के कौशल–विकास के लिए सार्थक प्रयास करने का सुझाव भी दिया.
राज्यपाल ने कहा कि भगवान बुद्ध के जीवन–दर्शन के प्रचार–प्रसार के शुरुआती दौर में ‘सृष्टि संघ’ के छोटे व्यापारियों का भी बहुत बड़ा योगदान था, जो बुद्ध के संदेशों से काफी प्रेरित–प्रभावित हुए थे. राज्यपाल ने कार्यक्रम में सम्मानित हुए सभी उद्यमियों को बधाई देते हुए कहा कि सफलता अर्जीत करने के साथ–साथ, आपको सामाजिक सरोकारों से जुड़े रहकर राष्ट्रीय नव–निर्माण में भी अपनी अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए.