चंडीगढ़ : आम आदमी पार्टी (आप) के हाईकमान अरविंद केजरीवाल ने सुखपाल सिंह खैहरा को विधानसभा में विपक्ष के नेता पद से हटा दिया है. केजरीवाल के इस फैसले के बाद दर्जनों नाराज विधायकों ने केजरीवाल और आप के पंजाब प्रभारी मनीष सिसोदिया के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इस फैसले के विरोध में 8 विधायकों ने अरविंद केजरीवाल को पत्र भी लिखा है. बता दें कि केजरीवाल ने विधायक सुखपाल सिंह खैरा को नेता विपक्ष के पद से हटाकर उनकी जगह दिरबा के विधायक हरपाल सिंह को ये पद सौंप दिया है. हरपाल दलित समुदाय से आते हैं.
इन सब के बीच पद से हटाये जाने के बाद सुखपाल सिंह खैहरा ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि मैं पंजाब के विपक्ष के नेता के रूप में अपने निष्कासन से निराश नहीं हूं. अगर फिर से मौका दिया जाता है, तो मैं पंजाब के लिए पार्टी के उसी एजेंडा को जारी रखूंगा. मैं उन लोगों का धन्यवाद करता हूं जिन्होंने मुझे समर्थन दिया है और उन्हें बताना चाहते हैं कि यह मजबूत होने का समय है. उन्होंने कहा कि पार्टी के वैसे कार्यकर्ताओं और नेता जो अभी मेरे साथ हैं, इस निर्णय की समीक्षा करने के लिए पार्टी से अपील करें.
आम आदमी पार्टी ने गुरुवार को सुखपाल सिंह खैरा को पंजाब विधानसभा में नेता विपक्ष के पद से हटा दिया है और घोषणा की है कि डिरबा के विधायक हरपाल सिंह चीमा उनका स्थान लेंगे. पार्टी ने खैरा को हटाने के लिए कोई विशेष कारण नहीं बताए. आप के वरिष्ठ नेता और पार्टी के पंजाब मामलों के प्रभारी मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया, ‘आप ने पंजाब में नेता विपक्ष को बदलने का निर्णय किया है. डिरबा के विधायक हरपाल सिंह चीमा पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता होंगे.’
आप की पंजाब इकाई के सह-अध्यक्ष बलबीर सिंह ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि यह पार्टी विधायकों का निर्णय है. बलबीर सिंह ने कहा, ‘आम आदमी पार्टी के विधायकों ने जो भी निर्णय किया है मैं उसका स्वागत करता हूं. इसे आंतरिक लोकतंत्र कहते हैं.’ खैरा ने बलबीर सिंह पर खुद की छवि खराब करने के आरोप लगाये थे. कुछ दिनों पहले भुलथ के विधायक खैरा ने फेसबुक पोस्ट में कहा था कि उन्हें आप के एक कार्यकर्ता से पता चला कि बलबीर सिंह ने उन पर पार्टी कार्यकर्ताओं से पैसे लेने के आरोप लगाये थे.