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दो घंटे में गिरफ्तारी, 14 माह में मिली सजा

गिरिडीह : पुलिस की सक्रियता व त्वरित न्याय प्रक्रिया के कारण ही बाघमारा निवासी छह वर्षीय उदय कुमार वर्मा के हत्यारोपियों को बुधवार को सजा मिल गयी. बताया जाता है कि 22 मई 2017 की सुबह आठ बजे उदय लापता हुआ और पुलिस को जानकारी सुबह 9.45 बजे मिली. इसके बाद तत्कालीन एसपी अखिलेश बी […]

गिरिडीह : पुलिस की सक्रियता व त्वरित न्याय प्रक्रिया के कारण ही बाघमारा निवासी छह वर्षीय उदय कुमार वर्मा के हत्यारोपियों को बुधवार को सजा मिल गयी. बताया जाता है कि 22 मई 2017 की सुबह आठ बजे उदय लापता हुआ और पुलिस को जानकारी सुबह 9.45 बजे मिली. इसके बाद तत्कालीन एसपी अखिलेश बी वारियर व एसडीपीओ मनीष टोप्पो के निर्देश पर मुफस्सिल थाना के तत्कालीन प्रभारी पुनि रामनारायण चौधरी ने छापेमारी शुरू की.
22 मई को ही दोपहर 12 बजे कांड के मुख्य साजिशकर्ता मृतक के चचेरा चाचा नितेश पकड़ा गया़ उसका मोबाइल जब्त किया गया. इसके बाद नितेश के साथी उपेंद्र को पुलिस ने अपराह्न एक बजे व तीसरे साथी बिरनी थाना के बराय गांव निवासी विकास वर्मा को दोपहर 2.30 बजे में गिरफ्तार कर लिया.
तीनों की निशानदेही पर अपराह्न 3:50 बजे उदय का शव टोड़ो नदी से बरामद किया गया. 22 मई को ही मृतक के मामा सुभाष प्रसाद वर्मा के बयान पर एफआइआर दर्ज की गयी थी. बाद में पुलिस ने 30 जून 2017 को न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की़ मामले की सुनवायी फास्ट ट्रैक कोर्ट में करने की अपील की थी. इसके बाद त्वरित न्याय प्रक्रिया में महज 14 माह बाद ही फैसला आ गया.
काजू बगान से उदय का किया गया था अपहरण
सूचक सुभाष प्रसाद वर्मा ने पुलिस को दिये आवेदन में कहा था कि उसका भांजा उदय कुमार वर्मा (पिता बाबूचंद वर्मा) गांव के राहुल कुमार के साथ काजू बगान में काजू तोड़ने गया था. इसी बीच नीतीश कुमार वर्मा वहां पहुंचा और राहुल से घर जाने को कहा. राहुल अपने घर चला गया. इसके बाद नीतीश उदय को पकड़कर टोड़ो नदी की ओर ले गया.
उदय के घर नहीं पहुंचे पर गांव वालों ने नीतीश से पूछताछ की. इस पर उसने उदय के बारे में अनभिज्ञता जाहिर की. कड़ाई से पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि पांच लाख रुपये देने पर ही उदय को वापस लाया जायेगा. गांव वालों के समक्ष नीतीश ने कहा कि उदय को विकास वर्मा व उपेंद्र वर्मा ने बिरनी थाना के बराय गांव में रखा है. बता दें कि घटना के चार दिन पूर्व उदय की मां देवंती देवी के साथ उसका झगड़ा हुआ था और उसने देख लेने की धमकी दी थी.
मृतक की मां से नाराज था नीतीश
तत्कालीन थाना प्रभारी आरएन चौधरी ने जब तीनों आरोपियों से पूछताछ की तो नीतीश ने अपने बयान में कहा कि उसका चचेरा भाई बाबूचंद वर्मा (मृतक के पिता) की पत्नी आये दिन उसके परिवार से लड़ती थी. ऐसे में 20 दिन पूर्व उसने उदय के अपहरण व उसकी हत्या की योजना बना ली थी. पूछताछ में नीतीश ने पुलिस को बताया था कि भरकट्टा बाजार में उपेंद्र तथा विकास के साथ पहले होटल में मुर्गा बनवाया और खाया. इसके बाद यहीं पर हत्या की पूरी योजना बनायी गयी.

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