60 प्लस अभिनेता अनिल कपूर मौजूदा दौर के व्यस्ततम अभिनेताओं में से एक हैं. रेस थ्री के बाद उनकी फिल्म फन्ने खान रिलीज को तैयार है. यह फिल्म ऐसे पिता की कहानी है जो संगीत में अपना कैरियर नहीं बना सका लेकिन अपनी बेटी के सपनों को पूरा करने के लिए किसी भी हद से गुज़र सकता है. उर्मिला कोरी की अनिल कपूर से हुई बातचीत के प्रमुख अंश.
यह फिल्म बेल्जियन फिल्म एवरबड़ी फेमस पर आधारित है क्या आपने वह फिल्म देखी थी ?
राकेश ओम प्रकाश मेहरा ने जब इस फिल्म के राइट्स खरीदे थे. तकरीबन साढ़े तीन साल पहले की बात है तभी उन्होंने मुझे ये फिल्म दिखाई थी.
फिल्म को बनने में इतना वक़्त क्यों लग गया ?
ऐसा होता है कई बार. वैसे भी फिल्म की स्क्रिप्ट को भारतीय परिवेश के अनुरूप बनाना पड़ा. हॉलीवुड में भी कई बार फिल्मों को बनने में सात साल का वक्त लगा है. फिल्मों की यही बात होती है कभी 15 दिन में सबकुछ फाइनल हो जाता है कभी काफी वक्त लग जाता है.
इस फिल्म में आपके किरदार के लिये आपके क्या इनपुट्स थे ?
मैं अपनी हर फिल्म के लुक में अपना इनपुट्स जरूर देता हूं. फिल्म वो सात दिन में मैं पटियाला का एक सिंगर बना था. उसकी जो जैकेट थी वो मैंने चोर बाजार से खरीदी थी. मशाल में अपने किरदार के लिए मैं कुर्ला,धारावी,सायन कोलीवाड़ा के झोपड़पट्टियों में गया था क्योंकि वो किरदार वहीं का था. फिल्म में जो मैंने जीन्स पहनी थी.वो मेरी थी लेकिन बहुत पुरानी. चोर बाजार से मेरा पुराना कनेक्शन था फिल्म मिस्टर इंडिया वाला जैकेट भी उधर का ही था.हालांकि मैं नहीं गया था उसे लाने क्योंकि उस वक़्त तक लोग मुझे जानने लगे थे. मिस्टर इंडिया वाली जैकेट कंबल वाले धागों से बनी थी. सोचिए मुम्बई की गर्मी में उस जैकेट को पहनना आसान नहीं था, लेकिन किरदार के लिए किया. वो जैकेट अब भी मेरे पास है बस थोड़ी सी फट गयी है. मेरी कई पुरानी फिल्मों के कपड़े मेरे पास हैं.
फिल्म में आपने लुंगी पहनी है कितने सहज थे ?
मैं चॉल में पला बढ़ा हूं.मैं सायन से चेंबूर के बीच ही पला बढ़ा था.मेरे पिता के अलावा मैंने कई लोगों को लुंगी पहनते देखा था इसलिए मेरे लिए लुंगी पहनना आसान था हां निजी ज़िन्दगी में नहीं पहनता हूं. (हंसते हुए)फैशनेबल जो हो गया हूं. फिल्म की कहानी एक ऐसे पिता की है जिसकी बेटी को उसके अधिक वजन को लेकर काफी कुछ सुनना पड़ता है.
सोनम भी अपने टीनएज में ऐसी परेशानी का सामना कर चुकी हैं ऐसे में कितना आप किरदार से रिलेट करते हैं ?
मैं कई पार्ट्स में इस किरदार से रिलेट करता हूं. बेटी के बॉडी शेमिंग मुद्दे के साथ साथउसकी बेटी के जन्म से पहले किरदार ने जो फिल्म में संघर्ष किया है. मैं उससे भी रिलेट करता हूं .मुझे याद है सन 78-79 की बात होगी.मेरे पिता को हार्ट अटैक आ या था. मैं 18 साल का रहा होऊंगा.उस वक़्त हार्ट अटैक बहुत बड़ी बीमारी होती थी. पापा की बीमारी से इस कदर हिल गया था कि मैंने तय कर लिया था कि अब मैं काम करूंगा जिसके बाद मेरा संघर्ष शुरू हुआ. फिल्म की शूटिंग रियल लोकेशन्स पर हुई है.भिंडी बाजार,वडाला,चेम्बूर. मेरे बचपन यही जगहों पर बीता है.
फिल्म में आपके साथ ऐश्वर्या राय बच्चन हैं 17 साल के बाद आपने स्क्रीन शेयर की है ?
ऐश्वर्या पहले से और ज़्यादा खूबसूरत हो गयी हैं.वह पर्दे पर आती हैं तो एक जादू सा छा जाता है. वैसे ऐश्वर्या और मैंने भले ही साथ में फिल्म नहीं की हो, लेकिन हम अक्सर मिलते रहते हैं.कभी किसी फंक्शन तो कभी दीवाली की पार्टी तो कभी इंडस्ट्री की किसी पार्टी में लगता ही नहीं है कि इतना लंबा वक्त गुजर गया.ऐसा लगता है मानों एक डेढ़ साल पहले ही हमने ताल और हमारा दिल आपके पास है की शूटिंग की.