पटना : बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र के तीसरे दिन आज भी सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया. विपक्ष ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामला को लेकर एक बार फिर सरकार को घेरने का प्रयास किया. सदन में पूर्व उपमुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामला का मुद्दा उठाया. इसके साथ ही विपक्ष एक बार फिर से कार्यस्थगन का प्रस्ताव दिया. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी से आग्रह किया कि वह सदन में इस मामले पर विशेष चर्चा कराए. स्पीकर विजय कुमार चौधरी ने प्रश्नोत्तरकाल के बाद कार्यस्थगन पर विचार करने की बात कही लेकिन विपक्ष अपनी मांग पर अड़ा रहा.
Govt is saving its top officials & leaders involved in the case. Digging operation took place only because of court's order. The opposition wants CBI to carry out a High Court-monitored probe into the case: Tejashwi Yadav, RJD, on alleged Muzaffarpur Shelter Home Rape Case.#Bihar pic.twitter.com/IAvWf4nXdl
— ANI (@ANI) July 24, 2018
इस दौरान विपक्ष की मांग पर संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि सरकार हर मसले पर जवाब देने के लिए तैयार है. वहीं, विपक्ष के सदन में हंगामे पर मंत्री राणा रणधीर सिंह ने कहा कि मुजफ्फरपुर मामले में सरकार बहस कराने को तैयार है. लेकिन, राजद के लोग सदन की कार्रवाई बाधित कर रहे है. विपक्ष जनता के पैसे को बर्बाद कर रहा है.
हंगामा नहीं थमतादेख उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी खड़े होकर अपनी बात कहनी पड़ी. सुशील मोदी ने कहा कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है और किसी भी कीमत पर कोई आरोपित बख्शा नहीं जायेगा. सुशील मोदी ने विपक्ष को आईना दिखाते हुए राज बल्लभ यादव का जिक्र किया और यहां तक कह दिया कि रेप के आरोपित विधायक राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के साथ जब घंटे भर बैठ सकते हैं तो दूसरों पर सवाल उठाने का नैतिक अधिकार राजद के पास नहीं है. सुशील मोदी के इस बयान से सदन में हंगामा और बढ़ा. हंगामा बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने सदन की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित कर दी.
सदन के स्थगित होने के बाद तेजस्वी विधानसभा के बाहर प्रेस वार्ता में कहा कि राज्य में बलात्कार की घटना बढ़ते जा रही है. सरकार का इस पर कोई ध्यान नहीं है. राज्य में शराबबंदी के बाद भी शराब की बिक्री हो रही है. राज्य में सरकार नाम की कोई चीज ही नहीं रह गई है. राज्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न होगयी है कि राज्यपाल को भी लॉ एण्ड आर्डर को लेकर हस्तक्षेप करना पड़ रहा है. बिहार में सरकार नाम की कोई चीज हैं ही नहीं. अगर सरकार दुष्कर्म मामले को लेकर गंभीर है तो कार्यस्थगन कर चर्चा करे. सरकार इस मामले में शामिल अपने शीर्ष अधिकारियों और नेताओं को बचा रही है. खुदाई का काम केवल अदालत के आदेश के कारण हुआ. विपक्ष चाहता है कि इस मामले की जांच उच्च न्यायालय की निगरानी में सीबीआई से करायी जाये.