14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कवि गोपाल दास नीरज को श्रद्धांजलि

गुलाब एक किताब से, आज गिर पड़ा यहां. गंध सब सिमट गयी, राह भी तो बंट गयी. हम सभी खड़े रहे, और वह गुजर गया. साहित्य का चिराग फिर, आज एक बुझ गया. नेह का सिरा कहां, कैसे कब उलझ गया. हम छोर ढूंढते रहे, और वह सुलझ गया. जिंदगी की ठांव से, इस शहर […]

गुलाब एक किताब से,

आज गिर पड़ा यहां.
गंध सब सिमट गयी,
राह भी तो बंट गयी.
हम सभी खड़े रहे,
और वह गुजर गया.
साहित्य का चिराग फिर,
आज एक बुझ गया.
नेह का सिरा कहां,
कैसे कब उलझ गया.
हम छोर ढूंढते रहे,
और वह सुलझ गया.
जिंदगी की ठांव से,
इस शहर और गांव से.
तोड़ मोह नेह को,
इस जरा और देह को.
यूं विरक्त छोड़ कर,
पल में वह अमर गया.
दे गया है प्यास वो,
जो कि मिट न पायेगी.
लाख कोशिशें करें,
पर सिमट ना पायेगी.
हम पड़े थे ख्वाब में
जीत वह समर गया
.
अमिताभ प्रियदर्शी
pamitaabh@gmail.com

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें