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सिलीगुड़ी में कूरियर के जरिये गांजा तस्करी का हुआ पर्दाफाश

सिलीगुड़ी : पुलिस व खुफिया तंत्र से परेशान होकर गांजा तस्करों ने तस्करी का एक नया मार्ग अपनाया है. गांजा को टीन के बने एक विशेष प्रकार के बक्से में पैक कर कूरियर सर्विस के जरिये तस्करी का खुलासा सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नरेट की खुफिया विभाग ने किया है. रविवार को खुफिया विभाग की टीम […]

सिलीगुड़ी : पुलिस व खुफिया तंत्र से परेशान होकर गांजा तस्करों ने तस्करी का एक नया मार्ग अपनाया है. गांजा को टीन के बने एक विशेष प्रकार के बक्से में पैक कर कूरियर सर्विस के जरिये तस्करी का खुलासा सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नरेट की खुफिया विभाग ने किया है. रविवार को खुफिया विभाग की टीम ने टीन के विशेष बक्से में पैक कुल 104 किलो गांजा जब्त किया है. इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया है. जिसमें कूरियर एजेंसी का मालिक भी शामिल है. कूरियर के जरिये गांजा तस्करी का मामला सामने आने से पुलिस प्रशासन भी हैरान है.
आम तौर पर तस्कर गांजा को छोटा-छोटा खेप बनाकर वाहकों के सहारे बैग में भरकर ट्रेन या बस से गंतव्य तक पहुंचाते हैं. गांजे का बड़ा जखीरा ट्रक, पिकअप आदि गाड़ियों में विशेष ताख बनाकर तस्करी के कई मामले सामने आये हैं. लेकिन कूरियर के जरिये गांजा तस्करी का मामला पहली बार सामने आने से पुलिस प्रशासन भी दंग है. कूरियर के जरिये गांजा तस्करी का मामला सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी कई सवाल खड़े कर रहा है. खुफिया विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जब्त गांजे का कुल वजन 104 किलो है. जिसकी अंतराष्ट्रीय बाजार कीमत 10 लाख से अधिक आंकी जा रही है.
किसकी हुई गिरफ्तारी
गांजे के साथ गिरफ्तार आरोपियों में गौतम गुप्ता (19), मोहम्मद फिराज आलम (27) व संदीप जैन शामिल है. आरोपी गौतम गुप्ता पड़ोसी राज्य बिहार के बक्सर जिले का निवासी है. जबकि मोहम्मद फिराज सिलीगुड़ी से सटे न्यू जलपाईगुड़ी इलाके का निवासी बताया गया है. जबकि संदीप जैन सिलीगुड़ी का निवासी है. गौतम गुप्ता गांजा तस्करी के गोरखधंधे में काफी लंबे समय से जुड़ा है. जबकि मोहम्मद फिराज आलम पेशे से टोटो चालक है. संदीप जैन सिलीगुड़ी के सेवक रोड स्थित एयरलिंक कुरियर एजेंसी का मालिक है.
बर्मिश गांजे की मांग अधिक
जब्त 104 किलो गांजा बर्मिश गांजा है. अंतराष्ट्रीय बाजार में बर्मिश गांजे की मांग के साथ कीमत भी काफी अधिक है. यह गांजा म्यांमार से मणिपुर, असम के रास्ते सिलीगुड़ी होते हुए बिहार के लिए रवाना किया गया था. वैसे भी शराबबंदी के बाद से बिहार में गांजा व अन्य मादक पदार्थों की तस्करी में काफी इजाफा हुआ है. तस्कर गिरोह में शामिल बिहार के कई लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार म्यांमार से मणिपुर के रास्ते गांजा को असम तक पहुंचाया गया.
फिर असम के गुवाहाटी से गांजा को टीन के विशेष बक्से में डालकर एयरलिंक कूरियर के जरिये सिलीगुड़ी भेजा गया था. एयरलिंक कूरियर के सिलीगुड़ी एजेंसी से गांजा को निकाल कर बिहार ले जाने की तैयारी की जा रही थी. तभी खुफिया विभाग ने छापामारी कर गांजा बरामद किया. सूत्रों की माने को गौतम गुप्ता ने ही असम में गांजा अपनी हिफाजत में लिया और उसके साथ-साथ सिलीगुड़ी पहुंचा.
खुफिया विभाग ने भी शुरू की जांच
कूरियर के जरिये गांजा तस्करी का मामला सामने आने से खुफिया विभाग इस गिरोह की जड़े खोदने में जुट गयी है. गांजा तस्करी का यह तरीका कई सवाल खड़े कर रहा है. कूरियर में बुक करने से पहले सामान की जांच की जाती है. लेकिन इसके बाद भी इतनी भारी मात्रा में गांजा म्यांमार से सिलीगुड़ी तक कैसे पहुंचा, यह एक बड़ा सवाल है. कूरियर के जरिये गांजा को सीमा पार कराने के लिए टीन का एक विशेष बक्सा बनाया गया था.
बक्से को देखकर उसके भीतर रखे सामान का अंदाज लगाना भी काफी मुश्किल है. टीन के बक्से को इस तरह से बनाया गया है कि देखने वालों को किसी इलेक्ट्रिक गैजेट्स का बक्सा मालूम होगा. टीन के बक्से को नट बोल्ट पर कसा गया है. गांजा को प्लास्ट्क के कई परतो में पैक कर रखा गया था. ताकि उसकी महक बाहर न निकले.

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