पटना : बिहार विधानसभा का मॉनसून सत्र शुक्रवार को शुरू हुआ. इसी सत्र में विधि विभाग द्वारा मद्यनिषेध और उत्पाद (संशोधन) विधेयक की कॉपी सदस्यों को दी गयी. इस संशोधन के उद्देश्य में साफ़ लिखा है कि मघनिषेध के कार्यान्वयन में प्राप्त अनुभवों के आधार पर इस अधिनियम के तहत प्रावधानित दंड को अपराध के समानुपातिक करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है. लेकिन, इस संशोधन के अनुसार पहली बार शराब पीने पर गिरफ्तारी अब जमानती कर दी गयी है. इसके साथ सार्वजनिक जुर्माने के वर्तमान प्रावधान को भी खत्म करने का प्रावधान किया गया है.
साथ ही अब शराबबंदी का उल्लंघन करने वाले लोगों को निष्कासन की वर्तमान व्यवस्था को भी खत्म करने का प्रावधान किया गया है. लेकिन, शराब पाये जाने पर अब किसी भवन या खेत को जब्त नहीं किया जायेगा. बल्कि, उसकी जगह दो वर्षों के कारावास की सजा होगी. साथ ही जिस वाहन में शराब जब्त होगी, उस वाहन को जब्त करने के प्रावधान को बरकरार रखा गया है.
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही बिहार राज्य मंत्रिपरिषद ने बिहार मद्य निषेध और उत्पाद अधिनियम 2016 में संशोधन विधेयक 2018 सहित तीन अन्य संशोधन विधेयकों को विधानमंडल सत्र में पेश किये जाने को मंजूरी दी थी. संशोधन विधेयक में शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने वालों के लिए मौजूदा सजा के प्रावधान में बदलाव कर उसे कम किये जाने की बात कही गयी है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में संपन्न मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह ने बताया था कि मंत्रिपरिषद ने कुल 33 विषयों पर विचार कर उन्हें मंजूरी प्रदान कर दी है.