नयी दिल्ली : संसद में नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर अपने भाषण में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर गंभीर आरोप लगाये, तो रक्षा मंत्री ने इस पर तथ्यों के साथ पलटवार किया. उन्होंने स्पष्ट किया कि राहुल गांधी ने उन पर जो आरोप लगाये हैं, वे तथ्यों से परे हैं. उन्होंने कहा कि वर्ष 2008 में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की सरकार में रक्षा मंत्री रहे एके एंटनी ने फ्रांस की सरकार के साथ सीक्रेसी एग्रीमेंट किया था. यह समझौता 25 जनवरी, 2008 को हुआ था.
Secrecy agreement with France was signed in 2008 and Rafale deal was also covered in it: Defence Minister Nirmala Sitharaman in Lok Sabha #NoConfidenceMotion
— ANI (@ANI) July 20, 2018
निर्मला सीतारमण ने कहा कि इंटर गवर्नमेंटल एग्रीमेंट के आर्टिकल 10 में साफ-साफ लिखा है कि इस समझौते के किसी भी अंश को कोई भी पक्ष सार्वजनिक नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि राफेल डील भी इसी समझौते का हिस्सा है.उन्होंने पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी के हस्ताक्षर वाले समझौते की कॉपी भी संसद में दिखायी. उन्होंने कहा कि ये लिखित दस्तावेज है. इसे कोई भी चेक कर सकता है. राहुल गांधी की फ्रांस के राष्ट्रपति के साथ बंद कमरे में क्या बात हुई, उसका कोई सबूत मौजूद नहीं है.
रक्षा मंत्री ने फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों द्वारा एक भारतीय मीडिया समूह को दिये इंटरव्यू का हवाला देते हुए कहा, ‘फ्रांस के राष्ट्रपति ने एक सवाल के जवाब में साफ कहा था कि आपके साथ (भारत से) कॉमर्शियल अग्रीमेंट्स हैं और आपके पास प्रतिद्वंद्वी भी हैं. ऐसे में हम आपको डील की डीटेल नहीं दे सकते.’
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रक्षा मंत्री ने संसद में कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा था कि अग्रीमेंट्स में साफ कहा गया है कि कुछ तकनीकी मामलों के जवाब नहीं दिये जायेंगे. इंटरव्यू में फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा था कि भारत और फ्रांस में यह डील काफी संवेदनशील है और हम बिजनेस कारणों से डीटेल नहीं बता सकते.
ज्ञात हो कि राहुल गांधी ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर अपने भाषण में रक्षा मंत्री पर आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दबाव में उन्होंने राफेल डील को लेकर देश से झूठ बोला. राहुल ने कहा कि उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति से मुलाकात की थी. उन्होंने उनसे राफेल डील के गुप्त समझौते के बारे में पूछा था, तो फ्रांस के राष्ट्रपति ने उनसे कहा था कि ऐसा कोई समझौता नहीं है. आप पूरे देश को राफेल की कीमत के बारे में बता सकते हैं. इसी का निर्मला सीतारमण ने राहु को जवाब दिया.