नयी दिल्ली : संसद में नरेंद्र मोदी की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर उसे घेरने के लिए विरोधी दलोंनेलगातार रणनीति बनायी. कांग्रेस संसदीय दल की भी गुरुवार को बैठक हुई, लेकिन पार्टी के सबसे बड़े नेता राहुल गांधी इस बैठक में मौजूद नहीं थे. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की गैरमौजूदगी में उनकी मां और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सरकार को घेरने और विरोधी दलों को एकजुट करने की रणनीति बनायी. पार्टी के एक सांसद ने बताया कि कांग्रेस विपक्षी दलों के बीच व्यापक सहमति बनाने की कोशिश करेगी. पार्टी चर्चा के दौरान सरकार की ‘विफलताओं और जुमलों’ को उजागर करेगी.
अन्नाद्रमुक सरकार संग
तमिलनाडु में सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक मोदी सरकार के पक्ष में वोट करेगी. मुख्यमंत्री पलानीसामी ने इसका एलान किया है. समर्थन की वजह टीडीपी से नाराजगी है. टीडीपी ने कावेरी नदी के पानी बंटवारे के विवाद पर उसका का साथ नहीं दिया था. लोस में पार्टी के 37 सांसद हैं.
टीएमसी प्रस्ताव के पक्षमें करेगी वोट
पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव पर अभी तक कोई अधिकृत बयान नहीं आया है. कयास लगाये जा रहे हैं कि तृणमूल कांग्रेस विपक्ष के साथ ही जायेगी.
बीजेडी ने जारी किया व्हिप
बीजू जनता दल ने अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी करते हुए प्रस्ताव के दौरान संसद में रहने को कहा है. पार्टी ने अभी स्पष्ट नहीं किया है कि वह प्रस्ताव के समर्थन में है या विरोध में. पार्टी फ्लोर पर ही तय करेगी कि क्या करना है. पार्टी के 20 सांसद हैं, लेकिन एक सांसद ने इस्तीफा दे दिया है.
शिवसेना का कभी हां, कभी ना
मोदी सरकार की कई मुद्दों पर आलोचना करने वाली शिवसेना ने पहले अपने सांसदों को व्हिप जारी कर सरकार का समर्थन करने को कहा है. देर रात बयान से पलटते हुए कहा कि गलती से ऐसा हो गया था. अंतिम फैसला संसद के अंदर ही लेंगे. सभी की िनगाहें शिवसेना पर हैं.
शत्रुघ्न सिन्हा भी देंगे साथ बड़ी बात यह है कि मोदी सरकार का अमूमन विरोध करने वाले भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने भी सरकार का साथ देंगे. सूत्रों के मुताबिक सिन्हा ने कहा कि मुसीबत की घड़ी में मैं पार्टी के साथ रहूंगा. वहीं, योगी सरकार से नाराज चल रहे इटावा सांसद अशोक दोहरे अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में वोट करेंगे.