अखबार और न्यूज चैनलों में सामाजिक अपराधों के खबरों की संख्या बढ़ी है. हर बार घटना के बाद हाय-तौबा बहुत मचता व कड़े कानून की मांग की जाती है, जो बनती भी है, पर क्या किसी ने यह सोचा हैं कि इतने कड़े कानूनों के बावजूद अपराधों में भारी बढ़ोतरी हो रही है?
मतलब कि समस्या का सही निदान नहीं हो रहा है. अपराधी परिवार से ही आते हैं. इसलिए परिवार अपराधों पर लगाम लगाने में अहम् भूमिका अदा कर सकते हैं. अगर शुरू से ही हम बच्चों का लालन-पालन सही तरीके से करें, तो अपराधों में भारी कमी आ सकती हैं.
बच्चों में मानवीय मूल्यों का विकास, सही -गलत की पहचान, उचित व्यवहार, स्त्री चाहे घर की हो या बाहर की, आदर करना महत्वपूर्ण है. इसलिए अभिभावकों को भी खुद को काफी बदलना होगा क्योंकि बच्चे देख कर ही सीखते हैं .
सीमा साही, बोकारो