बड़े शर्म, दुख और आश्चर्य की बात है कि निर्भया कांड के पांच वर्ष बाद भी रेप, गैंग रेप, दरिंदगी और उसके बाद निर्मम हत्याओं की घटनाएं बढ़ती ही जा रही हैं, जिनमें एक नन्ही बच्ची से लेकर विक्षिप्त महिला, विधवा, वृद्धा तक सुरक्षित नहीं है.
विद्या के मंदिर में भी यह सब दुर्भाग्य से जारी है. यही नहीं, इन रेपों के बाद की गयी दरिंदगी से तो रूह पूरी तरह कांप उठती है. ऐसे में इन बच्चियों के माता-पिता, सगे-संबंधी और पूरा समाज ही भयभीत-चिंतित है.
हालात ऐसे हैं कि लोग यह चाहने लगे हैं कि उनके यहां भविष्य में किसी बच्ची का जन्म ही न हो. यही नहीं, आज नन्हे बच्चों के साथ भी दुष्कर्म की घटनाएं आम हो गयी हैं. देश में चोरी, डकैती, लूट, डकैती जैसे जुर्मों ने भी कमी नहीं आयी है. ये सभी शासन और समाज को सरेआम ललकार रहे हैं. इससे साफ है कि देश का शासन और समाज किस ओर जा रहा है.
वेद मामूरपुर, नरेला