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बिरसा मुंडा स्मृति पार्क में बने निर्माण को तोड़ने से बर्बाद हो गये सात करोड़
रांची : पुरानी जेल में प्रस्तावित भगवान बिरसा मुंडा स्मृति पार्क के निर्माण में अब तक सात करोड़ रुपये बर्बाद कर दिये गये हैं. पार्क में करोड़ों रुपये खर्च कर किये गये निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया है. इस पार्क का शिलान्यास 15 नवंबर 2013 को तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया था. पार्क […]
रांची : पुरानी जेल में प्रस्तावित भगवान बिरसा मुंडा स्मृति पार्क के निर्माण में अब तक सात करोड़ रुपये बर्बाद कर दिये गये हैं. पार्क में करोड़ों रुपये खर्च कर किये गये निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया है. इस पार्क का शिलान्यास 15 नवंबर 2013 को तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया था.
पार्क में क्या-क्या बना था
वन विभाग ने पार्क के निर्माण पर सात करोड़ रुपये से अधिक खर्च किये. इस राशि से प्रवेश द्वारा बना. पार्क के अंदर तिकोनी घड़ी लगायी गयी थी, ताकि सूरज की रोशनी से लोग समय मालूम कर सकें. चिल्ड्रेन पार्क, बागवानी, चहारदीवारी, डांस फ्लोर, पुल, बच्चों के खेलने के लिए झूले व रेन डांस की सुविधा के साथ आकर्षक ओपेन स्पेस, लाइटों व ओपेन थियेटर की व्यवस्था की गयी थी.
अभी क्या है स्थिति
बिरसा मुंडा स्मृति पार्क में सभी निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया है. पार्क में केवल गड्ढे और कुछ छोटी-छोटी जर्जर झोपड़ियां नजर आते हैं. जगह-जगह बनायी गयी मूर्तियां भी हटायी जा चुकी हैं. टूट चुके झूले भी हटा लिये गये हैं. स्थानीय युवक रवि मुंडा के नेतृत्व में लोगों ने बिरसा मुंडा जेल मैदान निर्माण समिति का गठन किया है. समिति जेल परिसर के अंदर भगवान बिरसा के कक्ष की देखरेख करती है. वहां बिरसा मुंडा की प्रतिमा स्थापित की गयी है. प्रतिमा की पूजा भी की जाती है.
शहीदों को समर्पित किया जाना है पार्क
बिरसा मुंडा स्मृति पार्क राज्य के शहीदों को समर्पित किया जाना है. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पूर्व में ही इससे संबंधित निर्देश दिया था. जेल के उस कक्ष का जीर्णोद्धार किया जाना है, जिसमें भगवान बिरसा मुंडा रहते थे. उसके समीप एक म्यूजियम प्रस्तावित है. म्यूजियम में लोग बिरसा मुंडा की जीवनी के बारे में जान सकेंगे. जेल पार्क परिसर कुल 40 एकड़ में है. यहां चारों कोना पर वाच टावर बनाया जाना है.
नगर विकास विभाग ने जुडको को दिया जिम्मा
शुरू में वन विभाग द्वारा पार्क का निर्माण कराया जा रहा था, लेकिन पार्क के लिए विभाग ने सक्षम न होने की बात कहते हुए हाथ पीछे खींच लिया. इसके बाद सरकार ने आगे का काम नगर विकास विभाग को सौंप दिया. नगर विकास विभाग ने इस पार्क को आधुनिक रूप देने का जिम्मा जुडको को सौंप दिया. जुडको द्वारा ही पार्क का निर्माण कराया जा रहा है.
पार्क के पहले चरण के निर्माण के लिए नगर विकास विभाग की कंपनी झारखंड अरबन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन(जुडको) ने 56.85 करोड़ का टेंडर निकाला था. पार्क का डीपीआर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (कर्नाटक) लिमिटेड ने तैयार किया है.
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