नयी दिल्ली : पीएम नरेंद्र मोदी ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास कर दिया है. उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से में स्थित कई जिलों को एक दूसरे से जोड़नेवाला यह एक्सप्रेस-वे, क्षेत्र के लिए लाइफलाइन साबित होगा.
सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत बनाये जा रहे इस एक्सप्रेस-वे के किनारे औद्योगिक क्षेत्र विकसित किये जाएंगे, जो बेरोजगारी की समस्या को दूर करने में योगदान देंगे. केंद्र और उत्तर प्रदेश की भाजपा शासित सरकार इस कोशिश में है कि पूर्वांचल के लोगों के लिए लखनऊ तक का सफर आसान बनाया जाये.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को राज्य के सबसे पूर्वी छोर पर स्थित गाजीपुर से जोड़नेवाला 340 किलोमीटर का पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे होगा. यह लखनऊ के चंदसराय गांव से शुरू होकर बाराबंकी, फैजाबाद, अंबेडकरनगर, अमेठी, सुल्तानपुर, आजमगढ़ और मऊ से होते हुए गाजीपुर के हैदरिया गांव तक जायेगा.
यहां यह जानना गौरतलब है कि 22 दिसंबर, 2016 को उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसी एक्सप्रेस-वे के लिए आधारशिला रखी थी, लेकिन उस समय के दौरान परियोजना के लिए भूमि का आधा हिस्सा अधिग्रहण नहीं हो पाया था. मौजूदा योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद, पहले की परियोजना निविदा जमीन की कमी के कारण रद्द कर दी गयी और अब इस परियोजना को कुछ बदलावों के साथ दोबारा पुनर्जीवित किया गया है.
‘पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे’ की खास बातें जानें –
- 340 किलोमीटर लंबा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा
- लखनऊ से गाजीपुर के बीच नौ जिलों को जोड़ेगा यह एक्सप्रेस-वे
- पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे सेदिल्ली से गाजीपुर की दूरी कम हो जायेगी
- 4-5 घंटे में पूरा हो जायेगा लखनऊ-गाजीपुर का सफर
- यह 6 लेन का एक्सप्रेस-वे होगा, जो 8 लेन तक बढ़ाया जा सकता है
- इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) मोड पर बनाया जा रहा यह टोटल कंट्रोल्ड एक्सप्रेस-वे होगा
- इसे बनाने में 23000 करोड़ रुपये की लागत आयेगी
- इस परियोजना के तहत आजमगढ़-गोरखपुर के लिए 100 किमी लंबा लिंक एक्सप्रेस-वे बनेगा
- एक्सप्रेस-वे को एक अलग लिंक रोड के जरिये वाराणसी से भी जोड़ा जाएगा
- इस पोजेक्ट को तैयार करने के लिए 2 साल 6 महीने का लक्ष्य रखा गया है
- पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे लखनऊसे बाराबंकी, अमेठी, अंबेडकरनगर, फैजाबाद, सुल्तानपुर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर को जोड़ेगा
- इसके साथ ही यह 302 किमी लंबे लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवेऔर 165 किलोमीटर लंबे आगरा-ग्रेटर नोएडा यमुना एक्सप्रेसवे के माध्यम से राष्ट्रीय राजधानी को भी जोड़ देगा.