खेल डेस्क
-फ्रांस और क्रोएशिया के बीच फाइनल कल
रांची : एक महीने से चल रहे फीफा विश्व कप 2018 का सफर रविवार को थम जायेगा. रविवार को होनेवाले फाइनल मुकाबले के लिए मंच भी सज चुका है. फाइनल में क्रोएशिया की भिड़ंत फ्रांस से होगी. दोनों ही टीमों के मौजूदा प्रदर्शन को देखते हुए यह अनुमान लगा पाना काफी मुश्किल है कि इस बार का चैंपियन कौन हो सकता है. दोनों ही टीमों में युवा स्टार खिलाड़ियों की भरमार है. पूरे टूर्नामेंट में दोनों टीमों का प्रदर्शन भी शानदार रहा है. ऐसे में दर्शकों को विश्व कप का रोचक फाइनल देखने को मिलने की पूरी संभावना है.
एम्बापे पर अंकुश लगाना आसान नहीं
फ्रांस के स्ट्राइकर कीलियन एम्बापे शानदार फॉर्म में हैं. उन्होंने नॉकआउट में जिस तरह का प्रदर्शन किया है, इससे फ्रांस के आक्रमण में काफी पैनापन आया है. एम्बापे पर अंकुश लगाना क्रोएशियाई टीम के लिए आसान नहीं होगा.
क्रोएशिया के आक्रमण की धुरी हैं मोड्रिक
क्रोएशिया के कप्तान लुका मोड्रिक उसके आक्रमण के धुरी हैं. रियाल मैड्रिड के मिडफील्डर मोड्रिक इस विश्व कप में सबसे ज्यादा देर तक 604 मिनट खेल चुके हैं और उन्होंने मैदान पर इस विश्व कप में सबसे ज्यादा 63 किलोमीटर का सफर तय किया है. उनके नाम दो गोल हैं.
फ्रांस (ग्रुप दौर)
ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से, पेरू 1-0 से हराया.
डेनमार्क से गोल रहित ड्रॉ.
राउंड ऑफ 16 : अर्जेंटीना को 4-3 से पराजित किया.
क्वार्टर फाइनल : उरुग्वे को 2-0 से हराया.
सेमीफाइनल : बेल्जियम को 1-0 से शिकस्त दी.
क्रोएशिया (ग्रुप दौर)
नाइजीरिया को 2-0 से, अर्जेंटीना को 3-0 से हराया.
आइसलैंड पर 2-1 से जीत दर्ज की.
राउंड ऑफ 16 : डेनमार्क को पेनाल्टी शूटअाउट में 3-2 से हराया.
क्वार्टर फाइनल : रूस को पेनाल्टी शूटआउट में 4-3 से हराया.
सेमीफाइनल : इंग्लैंड को 2-1 से दी शिकस्त.
फ्रांस की ताकत आक्रमण और रक्षण
इस विश्व कप में फ्रांस की ताकत उसकी निरंतरता रही है. खासतौर पर नॉकआउट मुकाबलों में उसने जिस तरह से अपने खेल के स्तर को उठाया है, वह देखते ही बनता है. उसके आक्रमण और काउंटर अटैक में गजब की तेजी दिखी. फ्रांस के खिलाड़ी अर्जेंटीना, उरुग्वे और बेल्जियम के लिए मुसीबत बने. क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल में उसने उन दो टीमों को हराया, जिन्होंने उसके साथ खेलने से पहले इस विश्व कप में कोई भी मैच नहीं हारा. फ्रांस ने उरुग्वे और बेल्जियम को बिना गोल खाये परास्त किया. इससे उसके आक्रमण और मजबूत रक्षण का पता लगता है.
क्रोएशिया की ताकत लगातार हमले करना
क्रोएशिया का कभी न हार माननेवाला रवैया उसकी मजबूती है. नॉकआउट मैचों में जब भी लगा कि क्रोएशिया थकनेवाली है, तभी उन्होंने आश्चर्यजनक ऊर्जा के साथ लगातार हमले बोले और बराबरी हासिल की. कप्तान मोड्रिक, इवान रेटरिच, मारियो मैंजुकिच, पेरसिच के पास 10 से अधिक वर्षों का अपार अनुभव है, जिसका उन्होंने बखूबी इस्तेमाल किया. क्रोएशिया की मिडफील्ड को इस विश्व कप का सबसे मजबूत स्तंभ माना गया है.
ग्रीजमैन को फॉर्म पाना होगा
फ्रांस की अग्रिम पंक्ति ने छह गोल किये हैं. तीन एम्बापे और तीन ग्रीजमैन ने, लेकिन ग्रीजमैन के दो गोल पेनाल्टी पर आये हैं और एक गोलकीपर मुसलेरा की गलती से मिला है. उन्होंने हमले बोले हैं, लेकिन गोल कम आये हैं. ग्रीजमैन ने 19 गोल पर निशाने साधे और नौ लक्ष्य पर रहे. फाइनल में ग्रीजमैन को अपनी सुपर फॉर्म हासिल करनी होगी. उन्होंने डायरेक्ट फ्री किक पर भी कोई गोल नहीं किया है. बड़े भाई की भूमिका निभा रहे ओलिवर गिरोड को भी बेल्जियम के खिलाफ कई मौके मिले, लेकिन वह उन्हें फिनिश नहीं कर पाये.
थकावट से बचना होगा क्रोएशिया को
क्रोएशिया ने इस विश्व कप में तीन अतिरिक्त समय के मैच खेले हैं, जो फ्रांस के मुकाबले में 90 मिनट का एक मैच खेलने के समान है. मोड्रिक के अलावा रेकटिच (549), पेरसिच (542) और मैंचुकिच (518) मिनट खेल चुके हैं. उन्हें फाइनल में थकावट से उबरने के लिए रिकवरी का खास खयाल रखा होगा. मैच के अंतिम क्षणों में चोट की समस्याएं भी सामने आने लगी हैं. इंग्लैंड के खिलाफ इवान स्तिरनिच चोटिल हो गये हैं.
फ्रांस
गोलकीपर : लॉरिस, मंडांडा, एरिओला. डिफेंडर : पावार्ड, किमपेंबे, वराने, उमटिटी, रामी, सिडिबे, हर्नांडेज, मेंडी. मिडफील्डर : पोग्बा, टॉलिसो, कांटे, मातुइदी, एनजोंजी. फॉरवर्ड : ग्रीजमैन, लेमार, गिरोड, एम्बापे, डेंबेले, फकीर, थॉउविन. कोच : दिदिएर देसचैंप्स.
क्रोएशिया
गोलकीपर : लिवाकोविच, कालिनिच, सुबासिच. डिफेंडर : वर्साल्जको, स्ट्रीनिच, कोर्लुका, लोवरेन, जेदवाज, कालेटा कार, विडा, पिवारिच.मिडफील्डर : राकिटिक, कोविसिच, मोड्रिक, ब्रोजोविच, ब्राडारिच, बादेली.फॉरवर्ड : पेरिसिच, क्रामारिच, कालिनिच, मांडुजिच, रेबिच, प्जाका. कोच : ज्लाट्को डालिच.