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पटना : शशि को फिर प्राचार्या बनाने के लिए सड़क पर उतरी छात्राएं, जानें क्या है पूरा मामला
पटना यूनिवर्सिटी के कुलपति पर लगाया सुनियोजित इस्तीफा लेने का आरोप पटना : डॉ शशि शर्मा के प्राचार्या पद से इस्तीफे के बाद मगध महिला कॉलेज की छात्राएं काफी आक्रोशित हैं. छात्राएं शशि शर्मा को वापस प्राचार्या बनाने की मांग कर रही हैं. इस क्रम में शुक्रवार को छात्राओं ने अपनी इस मांग को लेकर […]
पटना यूनिवर्सिटी के कुलपति पर लगाया सुनियोजित इस्तीफा लेने का आरोप
पटना : डॉ शशि शर्मा के प्राचार्या पद से इस्तीफे के बाद मगध महिला कॉलेज की छात्राएं काफी आक्रोशित हैं. छात्राएं शशि शर्मा को वापस प्राचार्या बनाने की मांग कर रही हैं.
इस क्रम में शुक्रवार को छात्राओं ने अपनी इस मांग को लेकर जम कर हंगामा किया. देखते-देखते सैकड़ों छात्राएं सड़क पर उतर गयीं. वीसी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कॉलेज से अशोक राजपथ होते हुए पटना यूनिवर्सिटी पहुंच कर छात्राओं ने घेराव किया. इस दौरान छात्राओं ने जम कर बवाल काटा. छात्राओं ने मांग की है कि डॉ शर्मा को फिर से कॉलेज की प्राचार्या बनाया जाये.
पूरे रास्ते को जाम कर सैकड़ों छात्राएं पीयू कुलपति के खिलाफ नारेबाजी कर रही थीं. नारेबाजी करते हुए छात्राएं पीयू ऑफिस पहुंचीं. वहां पीयू प्रशासन को मांग पत्र सौंपा. इस दौरान अशोक राजपथ काफी जाम रहा. छात्राओं के आंदोलन को संभालने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. इस आंदोलन में विभिन्न छात्र संगठन के सदस्य भी शामिल हुए थे.
गौरतलब है कि 11 जुलाई को मगध महिला कॉलेज की प्राचार्या शशि शर्मा ने अपना इस्तीफा वीसी को सौंप दिया था. इससे छात्राओं के साथ शिक्षक और कर्मचारी भी काफी मायूस हो गये थे. इसके बाद अब छात्राओं ने अपना मोर्चा खोल दिया है. छात्राओं ने आरोप लगाया है कि किसी साजिश के तहत प्रो शशि शर्मा से इस्तीफा दिलवाया गया है.
यह है पूरा मामला
सात अक्तूबर, 2013 को डॉ शशि शर्मा को पीयू प्रशासन ने पॉलिटिकल साइंस में प्रोफेसर के पद पर प्रोन्नति दी थी. डॉ शर्मा को 22 दिसंबर, 1994 की तिथि से मेरिट प्रमोशन स्कीम के तहत प्रमोशन दिया गया था.
बाद में हाईकोर्ट गये एक मामले में इन प्रोन्नतियों को रिव्यू करने का निर्देश दिया गया. रिव्यू करने के लिए बनी सेलेक्शन कमेटी ने डॉ शशि शर्मा के मेरिट प्रमोशन को रद्द करने की सिफारिश की थी. बाद में पीयू सिंडिकेट ने 30 जून, 2018 को सेलेक्शन कमेटी की सिफारिश को मानते हुए डॉ शर्मा की प्रोन्नति को रद्द कर दिया. नौ जुलाई को इसकी अधिसूचना जारी की गयी.
भेदभाव का भी लगाया था आरोप
छात्राओं का कहना है कि शशि शर्मा के प्राचार्या बनते ही कॉलेज का माहौल बदल गया था.कॉलेज में बहुत सारे डेवलपमेंट के काम हुए हैं. कॉलेज में उन्होंने पढ़ाई का माहौल बनाया. साथ ही यह भी कहा कि उनके रहते हम कॉलेज में खुद को सुरक्षित महसूस करते थे, जिसके बावजूद वीसी ने साजिश कर उन्हें इस्तीफा दिलवाया है.
छात्राओं ने कहा कि पीयू प्रशासन ने जान बूझ कर मगध महिला कॉलेज की प्राचार्या शशि शर्मा को प्रोफेसर से डिमोट कर रीडर पद पर कर दिया था. इस फैसले के बाद शशि शर्मा ने पद से इस्तीफा दे दिया. वहीं उन्होंने अपने इस्तीफे में वीसी पर जातीय भेदभाव का आरोप लगाया. वहीं, यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि जो भी निर्णय लिया गया हैवह नियमों के आधार पर हुआ है. डिमोट किये जाने के फैसले के विरोध में शशि शर्मा कोर्ट जाने की तैयारी में है.
आईजीआईएमएस
500 नर्सिंग छात्राओं का प्रवेशपत्र रद्द, हंगामा
इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान में स्टाफ नर्स के 130 पदों पर परीक्षा देने आयी नर्सिंग की छात्राओं ने जम कर हंगामा. छात्राओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि कॉलेज प्रशासन ने 500 से अधिक छात्राओं के प्रवेश पत्र को रद्द कर दिया है.
जबकि इसकी जानकारी मेल, फोन या फिर वेबसाइट के माध्यम से भी नहीं दी गयी. प्रवेश पत्र रद्द करने की जानकारी छात्राओं को उस समय हुआ जब वह कॉलेज में प्रवेश पत्र लेने आयी थी.
नाराज छात्राओं ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ जम कर हंगामा किया और बहाली पर सवाल खड़ा करते हुए 15 जुलाई को होने जा रही परीक्षा को रद्द करने की मांग की. छात्राओं का गुस्सा इतना अधिक था कि वह अस्पताल परिसर के बाद डायरेक्टर चेंबर के समाने पहुंच गयी और वहां भी जम कर हंगामा किया. हालांकि बाद में सुरक्षाकर्मियों ने उनको डायरेक्टर चेंबर के सामने से बाहर निकाला.
130 पदों पर होनी है बहाली : आईजीआईएमएस में स्टाफ नर्स के लिए कुल 130 पदों पर बहाली निकाली गयी थी. विज्ञापन के माध्यम से निकाली गयी इस बहाली के लिए आगामी 15 जुलाई को परीक्षा की तिथि निर्धारित की गयी थी.
इसके लिए हजारों की संख्या में नर्सिंग की छात्राओं ने आवेदन भरा था. नर्सिंग की छात्राओं का आरोप है कि जानबूझ कर प्रवेश पत्र में गलती दिखाते हुए उनको परीक्षा से वंचित कर दिया गया है.
वहीं चिन्हित छात्राओं को सिर्फ परीक्षा बुलाया गया है. वहीं बढ़ते हंगामे को देखते हुए मौके पर महिला व पुरुष सुरक्षा कर्मी जुट गये और छात्राओं को वहां से बाहर निकाला. वहीं कॉलेज प्रशासन का कहना है कि जिन छात्राओं का प्रवेश पत्र निरस्त किया गया है उनमें कुछ की आयु अधिक थी और कुछ के नाम गलत थे.
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