वाशिंगटन : विश्व की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध गहराता जा रहा है. अमेरिका ने बुधवार को चीन से आयातित 200 अरब डॉलर की वस्तुओं पर अलग से 10 फीसदी शुल्क लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी. इससे पहले वह चीन से आयातित 34 अरब डॉलर की वस्तुओं पर 25 फीसदी शुल्क लगा चुका है.
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अमेरिका ने यह कदम चीन की उस जवाबी कार्रवाई के बाद उठाया है, जिसमें उसने अमेरिका से चीन को निर्यात किये जाने वाले 34 अरब डॉलर के सामान पर शुल्क लगाया था. इसके अलावा, 16 अरब डॉलर के अतिरिक्त अमेरिकी सामान पर शुल्क लगाने की धमकी दी थी. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने इसे ‘अन्यायपूर्ण ‘ बताया था.
चीन की ‘अनुचित’ व्यापार नीतियों के जवाब में अमेरिका ने छह जुलाई से 34 अरब डॉलर के चीनी सामान के आयात पर 25 फीसदी का शुल्क लगाया था. अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) रॉबर्ट लाइटाइजर ने कहा कि वैधानिक प्रक्रिया समाप्त होने तक इस शुल्क के दायरे में 50 अरब डॉलर की चीनी वस्तुएं आ जायेंगी. इस शुल्क के दायरे में ऐसे चीनी उत्पाद रखे गये हैं, जिन्हें चीन की औद्योगिक नीति और तकनीकी हस्तांतरण प्रक्रियाओं को लाभ मिला है.
इसके बाद जवाबी कार्रवाई में चीन ने भी अमेरिका से आयात किये जाने वाले 34 अरब डॉलर के सामान पर शुल्क लगाया और 16 अरब डॉलर के सामान पर और शुल्क लगाने की धमकी दी. इस पर लाइटाइजर ने कहा कि ऐसा बिना किसी अंतरराष्ट्रीय कानूनी आधार और अधिकार के किया गया है. उन्होंने कहा कि चीन की इस जवाबी प्रक्रिया और अपनी प्रक्रियाओं में बदलाव लाने में विफल रहने के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने यूएसटीआर को 200 अरब डॉलर के अतिरिक्त चीनी सामान आयात पर 10 फीसदी शुल्क लगाने की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया.
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