तिरूवनंतपुरम : श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के खजाने को एक हाईटेक संग्रहालय में प्रदर्शित करने के प्रस्ताव पर जारी चर्चा के बीच त्रावणकोर शाही परिवार ने कहा कि वे आभूषणों को मंदिर परिसर से बाहर ले जाने के पक्ष में नहीं हैं. यहां प्रभु पद्मनाभ को समर्पित सदियों पुराने मंदिर का कभी स्वामित्व रखने वाले और प्रबंधन करने वाले शाही परिवार ने कहा कि वे खजाने को मंदिर परिसर से बाहर ले जाने की किसी योजना के खिलाफ हैं. शाही परिवार का मानना है कि मंदिर के गुप्त तहखाने में रखे हुए चुनिंदा दुर्लभ आभूषणों की थ्रीडी तस्वीरें मंदिर की चहारदीवारी के अंदर दिखायी जा सकती हैं.
त्रावणकोर शाही परिवार के सदस्य आदित्य वर्मा ने कहा कि मुख्य पुजारी और इससे संबद्ध अन्य लोगों की सहमति के बाद ही ऐसा किया जा सकता है. उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि केंद्र और राज्य सरकारों ने संग्रहालय के प्रस्ताव के साथ उनके परिवार से संपर्क किया था. वर्मा ने कहा कि मंदिर प्रबंधन और इसके खजाने से जुड़ा पूरा विषय उच्चतम न्यायालय में लंबित है.
वर्मा ने बताया कि केंद्रीय पर्यटन मंत्री अल्फोंस कन्ननथनम और उनके प्रदेश समकक्ष के. सुंदरन ने मंदिर के दुर्लभ खजाने की प्रदर्शनी के लिए एक हाईटेक संग्रहालय की स्थापना का प्रस्ताव हाल ही में उनके समक्ष रखा था. उन्होंने कहा, ‘लेकिन हमने स्पष्ट कर दिया है कि हम मंदिर के खजाने के किसी तरह के वाणिज्यीकरण के खिलाफ हैं. श्रद्धालुओं की भी इस बारे में चिंताएं हैं.’
वर्मा ने कहा कि इस विषय पर कोई भी व्यक्ति तब तक अंतिम निर्णय नहीं ले सकता जब तक कि शीर्ष न्यायालय कोई रूख नहीं जाहिर कर देता. उन्होंने कहा कि सरकार की योजना मंदिर के पास शाही परिवार की एक परिसंपत्ति में एक हाईटेक संग्रहालय स्थापित करने और खजाने की प्रदर्शनी करने की है. उन्होंने खजाने को मंदिर परिसर से बाहर ले जाने पर उसकी सुरक्षा को लेकर भी चिंता जतायी. गौरतलब है कि हाल ही में श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के गुप्त तहखाने में बेशकीमती खजाना होने का पता चला था. प्रभु पद्मनाभ त्रावणकोर शाही परिवार के कुल देवता हैं. इस प्राचीन मंदिर का प्रबंधन उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त अतिरिक्त जिला न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली एक कमेटी करता है.