आसनसोल : इंडियन बैंक की आरके मिशन शाखा में 38 लाख रुपये के डकैती कांड की जांच सीआईडी की डकैती रॉबरी बर्गलरी एंड थेफ्ट ( डीआरबिटी) सेक्शन के अधिकारी करेंगे. मुथूट फाइनेंस कोर्ट मोड़ शाखा की डकैती कांड की जांच भी सीआईडी की टीम ही कर रही है. स्थानीय थाना के पास प्रतिदिन के विभिन्न कार्य का बोझ अधिक होने से किसी भी बड़े कांड की सही जांच प्रभावित हो सकती है.
इसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार इस तरह की मामलों की जांच सीआईडी को सौंप रही है. सीआईडी के पास इस तरह के मामलों की जांच के लिए विशेषज्ञ है और अत्यधुनिक तकनीक से यह लैस है.
सनद रहे कि इंडियन बैंक डकैती कांड में सीआईडी की टीम कांड के कुछ घंटों के बाद ही यहां आयी और अपने स्तर से जांच में कांड के जांच अधिकारी को सहयोग कर रही है. एडीसीपी (सेंट्रल) सायक दास ने कहा कि यह मामला सीआईडी के टेक ओवर करने की बात आ रही है. लेकिन आदेश अभी तक उनके पास नहीं आया है. आदेश मिलते ही मामले से संबंधित सारे दस्तावेज सीआईडी को सौंप दिये जायेंगे.
सीआईडी की टीम कुछ ही घंटे में पहुंची: इंडियन बैंक आरके मिशन शाखा में डकैती की घटना होने के कुछ ही घंटे के अंदर दुर्गापुर सीआईडी के टीम शाखा में पहुंच गयी और अपने स्तर से जांच आरम्भ कर दी.
दूसरे दिन ही सीआईडी कोलकाता की टीम यहां आकर साढ़े तीन घंटे तक बैंक में जांच की. पूरे राज्य में बैंक डकैती के मामलों की जांच सीआईडी को सौप दिया जा रहा है. सीआईडी के पास इस तरह के मामलों के सुलझाने के लिए एक्सपर्ट टीम है. यह टीम अत्याधुनिक तकनीक से लैस है और तरह के मामलों को सुलझाने में टीम का औसत परिणाम काफी बेहतर है.
विभिन्न राज्य की पुलिस के साथ इनका तालमेल काफी बेहतर है. जो मामले को सुलझाने में काफी मददगार होता है. यह टीम एक ही लक्ष्य को लेकर महीनों कार्य करती है. थाने के अधिकारी के लिए यह कठिन होता है. इसलिए इसतरह के सभी मामलों के तत्काल निष्पादन के लिए राज्य सरकार सीआईडी को सौप रही है.
बाइक का नम्बर फर्जी
बैंक डकैती में अपराधियों ने हीरो होंडा एक्सप्लेण्डर प्लस और यामाहा आरजेड बाईक का उपयोग किया था. सड़क किनारे पोल पर लगे सीसीटीवी के फुटेज में पुलिस ने इन दो बाइकों को चिन्हित किया था. जिसपर तीन तीन लोग सवार थे. इन दो बाईकों में से एक्सप्लेण्डर बाइक का नम्बर था. दूसरी बाइक का नम्बर नहीं था.
एक्सप्लेण्डर बाइक का नम्बर फर्जी पाया गया. जांच के क्रम में पाया गया कि स्थानीय ग्लैमर बाइक का नम्बर उस बाइक में उपयोग किया गया था. नम्बर के आधार पर गाड़ी मालिक को खोज निकालने पर उसी नम्बर का उनका ग्लैमर बाईक पुलिस को मिली.
झारखंड पुलिस बैंक में आयी
डकैती कांड के बाद झारखंड राज्य के जामताड़ा जिला पुलिस की एक टीम बैंक कार्यालय में आयी. उन्होंने बैंक कर्मियों को कुछ फोटोग्राफ दिखाकर अपराधियों के शिनाख्त करने का प्रयास किया. लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली.