वाशिंगटन/बीजिंग : अमेरिका ने चीन के साथ व्यापारिक युद्ध (ट्रेड वार) शुरू कर दिया है. इसके परिणामस्वरूप उसने चीन से आयातित वस्तुओं पर दंडात्मक शुल्क लगाने की घोषणा को लागू करना शुरू कर दिया है. चीन ने अमेरिका के इस कदम को दुनिया की दो शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं के बीच आर्थिक इतिहास में सबसे बड़ा व्यापार युद्ध करार दिया है.
अमेरिका ने चीन के इन उत्पादों पर लगाने लगा अतिरिक्त शुल्क
- अमेरिका ने अभी चीन से अपने यहां आने वाले करीब 34 अरब डॉलर मूल्य के सामान पर शुल्क लगाया है.
- इसमें चीन में बनी मशीनें, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान तथा वाहन, कंप्यूटर तथा हार्ड ड्राइव्स तथा एलईडी समेत कई उच्च प्रौद्योगिकी उत्पाद शामिल हैं.
- अमेरिका ने चीन की इन वस्तुओं पर 25 फीसदी शुल्क लगाया है.
चीन ने भी शुरू की जवाबी कार्रवाई
- चीन ने कहा कि उसकी ओर से भी जवाबी शुल्क लागू कर दिये गये हैं.
- हालांकि, चीन सरकार की ओर से इन शुल्कों का ब्योरा नहीं दिया दिया गया है.
- चीन ने पहले कहा था कि वह भी इस मामले में अमेरिका के बराबर की ही कार्रवाई करेगा.
दुराग्रही ट्रंप ने पहले ही कर दिया था ऐलान
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 450 अरब डॉलर मूल्य की चीनी वस्तुओं पर शुल्क लगाने की बात कही है.
- शुल्क के प्रभाव में आने से कुछ घंटे पहले ट्रंप ने कहा कि अमेरिका अरबों डॉलर के चीनी आयात पर शुल्क लगाने को तैयार है.
- ट्रंप अमेरिका के मामले में चीन के व्यापारिक व्यवहार की बहुत पहले से आलोचना कर रहे हैं.
- उनका कहना है कि चीन के अनुकूल व्यवहार नहीं होने के कारण अमेरिका का व्यापार घाटा पिछले 375.2 अरब डॉलर पहुंच गया.
- अमेरिकी अधिकारियों ने चीन पर साइबर चोरी के माध्यम से महत्वपूर्ण अमेरिकी प्रौद्योगिकी चुराने, बौद्धिक संपदा के अंतरण के लिए दबाव तथा राज्य प्रायोजित कंपनियों के अधिग्रहण कर अर्थव्यवस्था के मामले में विश्व में दबदबा बनाने का आरोप लगाया.
- इस कदम को लेकर अमेरिका को दी गयी चेतावनी के बावजूद ट्रंप का कहना है कि मजबूत अमेरिकी अर्थव्यवस्था मौजूदा लड़ाई में प्रतिद्वंद्वियों से पार पा लेगी.
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अर्थशास्त्रियों ने दी चेतावनी
- अमेरिका की ओर से की गयी कार्रवाई के बाद अर्थशास्त्रियों ने आगाह करते हुए कहा कि जैसे को तैसा वाले रुख से वैश्विक वृद्धि प्रभावित हो सकती है.
- इससे वैश्विक व्यापार प्रणाली को नुकसान पहुंच सकता है.
- दोनों देशों के बीच मसलों को सुलझाने को लेकर महीनों चली बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला.
क्या कहता है चीन?
- वहीं, चीन का मानना है कि उसकी अर्थव्यवस्था घरेलू मांग पर केंद्रित है और वह निर्यात पर निर्भरता कम होने से उत्पन्न समस्याओं से पार पा लेगा.
- चीन के केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति के सदस्य मा जून ने शुक्रवार को कहा कि शुल्क को लेकर पहले कदम का चीनी अर्थव्यवस्था पर सीमित प्रभाव पड़ेगा.
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