नयी दिल्ली : मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को भंग करने और इसकी जगह उच्चतर शिक्षा आयोग का गठन करने के लिए मसौदा विधोयक पर हितधारकों से प्रतिक्रिया एवं सुझाव पाने की समय सीमा बढ़ा कर 20 जुलाई तक कर दी है. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाता सम्मेलन में समय सीमा बढ़ा कर 20 जुलाई तक किये जाने की घोषणा की. दरअसल, विभिन्न हलकों से समय सीमा बढ़ाने की मांग की जा रही थी जिसके बाद यह फैसला लिया गया है.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने पिछले हफ्ते यह घोषणा की थी कि वह यूजीसी अधिनियम, 1951 को रद्द कर उसकी जगह उच्चतर शिक्षा आयोग का गठन करेगा. मंत्रालय ने हितधारकों की प्रतिक्रिया मांगने के लिए मसौदे को लोगों के बीच रखा है. मसौदे के मुताबिक नया आयोग सिर्फ अकादमिक विषयों पर ध्यान देगा और अनुदान का विषय मंत्रालय के दायरे में होगा.
जावड़ेकर ने उच्चतर शिक्षा वित्तीयन एजेंसी (एचईएफए) का दायरा विस्तारित करने को लेकर केंद्रीय कैबिनेट के ताजा फैसले की सराहना की, जिसने इसका पूंजी आधार बढ़ा कर 10,000 करोड़ रूपया कर दिया है ताकि यह देश में शैक्षणिक बुनियादी ढांचे की बढ़ती वित्तीय जरूरतों को पूरा कर सके. उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक फैसला एचईएफए से 22,000 करोड़ रूपये का कोष प्रदान कर इस साल उच्च शिक्षा को बहुत प्रोत्साहन देगा.