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फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाना ऐतिहासिक फैसला, झारखंड के 20 लाख किसानों को 1022 करोड़ का होगा फायदा : रघुवर दास
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि कृषि प्रधान देश में किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए चार जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक निर्णय लिया. केंद्र सरकार ने फसलों के समर्थन मूल्य में अप्रत्याशित वृद्धि की है. प्रधानमंत्री के इस फैसले से देश के किसानों का आर्थिक उन्नयन होगा. […]
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि कृषि प्रधान देश में किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए चार जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक निर्णय लिया. केंद्र सरकार ने फसलों के समर्थन मूल्य में अप्रत्याशित वृद्धि की है. प्रधानमंत्री के इस फैसले से देश के किसानों का आर्थिक उन्नयन होगा. केंद्र सरकार ने धान की फसल में 200 रुपये प्रति क्विंटल वृद्धि की घोषणा की है.
वहीं अन्य खरीफ फसलों में भी अधिसूचित न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी की गयी है. इस फैसले से झारखंड के 20 लाख किसानों को धान की अधिप्राप्ति पर 1022 करोड़ रुपये का अतिरिक्त लाभ होगा. श्री दास गुरुवार को प्रोजेक्ट भवन सभागार में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड में खरीफ मौसम में धान, मक्का, दलहन में अरहर, उड़द, मूंग, कुर्थी एवं तिलहन में मूंगफली, तिल, सरगुजा, सोयाबीन आदि की खेती की जाती है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18 में भारत सरकार द्वारा धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1550 रुपये निर्धारित किया गया है.
राज्य सरकार की ओर से अपने स्तर से 150 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देते हुए 1700 रुपये प्रति क्विंटल दी जा रही है. धान के अतिरिक्त अन्य फसल मकई, अरहर आदि में लगभग 10 लाख किसानों को बाजार मूल्य बढ़ने से लगभग 350 करोड़ रुपये का लाभ होगा.
रागी के समर्थन मूल्य में 997 रुपये की वृद्धि : मुख्यमंत्री ने कहा कि धान के समर्थन मूल्य में 200 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गयी है. धान का पुराना समर्थन मूल्य 1550 रुपये था, जिसे बढ़ा कर 1750 रुपये किया गया है.
मकई का पुराना समर्थन मूल्य 1425 प्रति क्विंटल था, जिसे 1700 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है.मकई में 275 प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की गयी है. अरहर का पुराना समर्थन मूल्य 5450 रुपये प्रति क्विंटल था, जिसे बढ़ा कर 5675 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है. मूंग का पुराना समर्थन मूल्य 5575 रुपये था, जिसे बढ़ा कर 6975 रुपये किया गया है.
उड़द का पुराना समर्थन मूल्य 5400 रुपये प्रति क्विंटल था, जिसे बढ़ा कर 5600 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है. रागी का पुराना समर्थन मूल्य 1900 रुपये प्रति क्विंटल था, जिसे बढ़ा कर 2897 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है. मूंगफली का पुराना समर्थन मूल्य 4450 प्रति क्विंटल था, जिसे बढ़ा कर 4890 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है.
किसानों के जीवन में आयेगा सकारात्मक बदलाव
कानून का सरलीकरण किया है, छेड़छाड़ नहीं
श्री दास ने कहा कि भूमि अधिग्रहण कानून का सरलीकरण किया गया है. इसमें किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की गयी है. यह कानून जनता को शक्ति देगा.
अब रैयतों को आठ माह के अंदर मुआवजा मिल पायेगा. विपक्ष इस कानून को लेकर भ्रम फैला रहा है. राजनीतिक रोटी सेंकने का काम कर रहा है. अब जनता जागरूक हो गयी है. अब वह किसी के बहकावे में नहीं आनेवाली है. कानून के सरलीकरण होने से सड़क, कैनाल, ग्रिड, सब स्टेशन आदि से संबंधित विकास के काम को गति मिलेगी. सरकार के 100 कॉलेज खोलने के लक्ष्य को गति मिलेगी.
सिविल सोसाइटी के विशेषज्ञ भी बनेंगे सचिव
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में सिविल सोसाइटी के विशेषज्ञ को सचिव बनाया जायेगा. संबंधित विषय के विशेषज्ञ का लाभ सरकार को मिलेगा. आनेवाले समय में काफी बदलाव होगा. पहले से ही सरकार को ब्यूरोक्रेट का लाभ मिलता आ रहा है. इस संबंध में केंद्र सरकार का फैसला स्वागत योग्य है.
श्री दास ने कहा कि नीति आयोग के सुझाव पर झारखंड में निर्यात विभाग खोला जायेगा. उन्होंने कहा कि कानून के साथ खिलवाड़ करनेवालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जायेगी. आइटी सरकार व जनता के बीच के फासले को कम कर रहा है. साथ ही बिचौलिये की भूमिका को समाप्त कर रहा है.
पत्थलगड़ी के नाम पर लोगों को बरगलाया जा रहा है मुख्यमंत्री ने कहा कि खूंटी में कुल 726 गांव हैं. यहां की तीन पंचायतों के 17 गांव के लोगों को पत्थलगड़ी के नाम पर बरगलाया जा रहा है. इसको लेकर बेवजह हाय तौबा मचाया जा रहा है. खूंटी के अन्य गांवों में सामान्य स्थिति है.
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