निजी सचिव के अलावा एक जूनियर इंजीनियर से भी की गयी पूछताछ
पुलिस ने पूछताछ का ब्यौरा मीडिया से नहीं किया है सार्वजनिक
नयी दिल्ली: दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर फरवरी में कथित हमले के सिलसिले में नगर पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव और लोक निर्माण विभाग के एक कनिष्ठ इंजीनियर से मंगलवार को पूछताछ की. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है. अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (उत्तर) हरेंद्र सिंह ने इस बात की पुष्टि की कि अधिकारियों ने पूछताछ की लेकिन इस संबंध में विस्तृत जानकारी देने से इनकार कर दिया.
पुलिस को सिविल लाइंस इलाके में स्थित केजरीवाल के आवास में लगे सीसीटीवी कैमरों की हार्ड डिस्क की फॉरेंसिक रिपोर्ट पिछले हफ्ते मिलगयी थी. रिपोर्ट के मुताबिक, कथित हमले की रात सीसीटीवी कैमरों में दिख रहा वक्त वास्तविक समय से करीब 40 मिनट पीछे था. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रिपोर्ट पर गौर करने के बाद उन्होंने केजरीवाल के निजी सचिव बिभव कुमार और लोक निर्माण विभाग में कनिष्ठ इंजीनियर को तलब किया. यह कनिष्ठ इंजीनियर मुख्यमंत्री आवास पर लगे सीसीटीवी कैमरों के रखरखाव का प्रभारी है. जांच से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि फॉरेंसिक रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि जब हमला हुआ तब कैमरों के साथ छेड़छाड़ कीगयी या वक्त बदला गया. कनिष्ठ इंजीनियर से समय को लेकर पूछताछ कीगयी कि क्या यह जानबूझकर किया गया था या प्रणाली में खामी थी. कुमार से अप्रैल में भी पूछताछ कीगयी थी. उनसे सिविल लाइंस थाने में पूछताछ की गयी. उनसे पूछताछ यह पता लगाने के लिए कीगयी कि क्या हमला पूर्व नियोजित था और सीसीटीवी कैमरों के बारे में भी सवाल किए गए.
कुमार और कनिष्ठ इंजीनियर कोमंगलवारको ही नोटिस भेजे गए थे और पूछताछ दोपहर 12 बजे शुरू हुई. 23 फरवरी को पुलिस ने केजरीवाल के सरकारी आवास पर लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की थी और हार्ड डिस्क को जब्त कर लिया था. आवास पर लगे 14 कैमरे काम कर रहे थे जबकि सात काम नहीं कर रहे थे. मुख्यमंत्री आवास पर इस साल 19 फरवरी की रात एक बैठक के दौरान मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर कथित रूप से हमला किया गया था. पुलिस ने कहा था कि घटना के वक्त मुख्यमंत्री मौजूद थे. पुलिस ने घटना के बाबत केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, आप के 11 विधायक और मुख्यमंत्री के पूर्व सलाहकार वीके जैन से पूछताछ की है. ये सभी घटना के वक्त मौजूद थे. इस घटना के सिलसिले में आप के दो विधायक – अमानतुल्लाह खान और प्रकाश जरवाल को गिरफ्तार भी किया गया था लेकिन बाद में उन्हें जमानत मिल गयी.