लंदन : खराब फार्म से जूझ रहे और सिर्फ 23 मिनट में ग्रिगोर दिमित्रोव के खिलाफ पहला सेट गंवाने के बाद स्टेन वावरिंका सेंटर कोर्ट पर एकमात्र व्यक्ति थे जिन्हें उम्मीद थी कि वह विंबलडन का यह पुरुष एकल मुकाबला जीत सकते हैं. घुटने की सर्जरी के बाद विश्व रैंकिंग में 224 वें पायदान पर फिसले वावरिंका ने खुद को सही साबित करते हुए छठे वरीय दिमित्रोव को 1-6, 7-6 (3), 7-6 (5), 6-4 से हराया जो पिछले सल के विंबडलन के बाद उनकी सिर्फ दूसरी ग्रैंडस्लैम जीत है.
स्विट्जरलैंड के 33 साल के वावरिंका ने साल की शुरुआत में वापसी की थी और चार टूर्नामेंटों में सिर्फ तीन मैच जीत पाये थे जिसके बाद उन्होंने तीन और महीने का ब्रेक लेने का फैसला किया. दूसरी बार वापसी करते हुए भी वावरिंका प्रदर्शन काफी खराब रहा और वह पांच टूर्नामेंट में सिर्फ दो जीत दर्ज कर पाए। इस दौरान उन्हें अपने ही तरह लंबे समय से चोटों से परेशान एंडी मरे ने भी हराया जिन्होंने खुद को पूरी तरफ फिट नहीं मानते हुए विंबलडन में नहीं खेलने का फैसला किया.
आल इंग्लैंड पर वावरिंका की संभावनाएं पहले ही काफी अच्छी नहीं थी और जब उन्हें 2014 के सेमीफाइनल में जगह बनाने वाले दिमित्रोव के खिलाफ ड्रा मिला तो अधिक लोगों ने उनकी जीत की उम्मीद नहीं की होगी. वावरिंका ने ग्रास कोर्ट पर कभी शीर्ष 10 में शामिल खिलाड़ी को नहीं हराया है. वावरिंका के खिलाफ हालांकि पहला सेट गंवाने के बाद जोरदार वापसी करते हुए दिमित्रोव को हराया.