शेखपुरा : राज्य के पहले ‘प्लेस ऑफ सेफ्टी’ के पर्यवेक्षण गृह में विभिन्न जिला निवासी नौ बाल कैदी फरार हो गये. यह ‘प्लेस ऑफ सेफ्टी’ शेखपुरा जिला मुख्यालय से छह किलोमीटर पश्चिम मटोखरदह पर छह माह पूर्व से संचालित है. मध्यरात्रि करीब एक बजे घटी इस घटना में फिलहाल कारण जानने के लिए डीएम योगेंद्र सिंह और एसपी दयाशंकर पर्यवेक्षण गृह में कैंप कर जांच कर रहे है. बाल कैदियों में भागनेवाले बिहार राज्य के सर्वाधिक छपरा जिले के चार, गया के एक बाल कैदी के अलावा बक्सर और भोजपुर जिले के कैदी बताये गये हैं. फरार कैदी अपने वार्ड के बाहर बरामदे में सो रहे थे.
घटना के संबंध में सहायक निदेशक बाल संरक्षण प्रमोद कुमार ने बताया कि पड़ताल के लिए सीसीटीवी कैमरे को खंगाला गया है. रात्रि एक बजे के बाद कैमरा बंद पाया गया है. यह जांच का विषय है कि कैमरे को कैसे ठप कर दिया गया. कैमरे में रात्रि एक बजे तक फरार कैदियों की गतिविधि देखी गयी, लेकिन उसके बाद वे कैसे फरार हो गये, इसकी तस्वीर पांच घंटे की जांच में अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है. घटना के बाद कैदियों से संबंधित थानों को बाल कैदियों की सूची, तस्वीर और अन्य सूचनाएं उपलब्ध कराकर अलर्ट कर दिया गया है.
क्या कहते हैं अधिकारी
घटना को लेकर एसडीपीओ अमित शरण ने बताया कि पर्यवेक्षण गृह में चार सैप जवान और एक एएसआई सुरक्षा में तैनात है. इस घटना में शेखपुरा शहर के मकदूमपुर निवासी चौकीदार अशोक कुमार के पास ही सारी चाबियां रहती थीं. इस घटना में सुरक्षा बल और कर्मियों की भूमिका को संदिग्ध बताया जा रहा है. ‘प्लेस ऑफ सेफ्टी’ में बंद बाल कैदियों और कर्मियों से पूछताछ की जा रही है. फिलहाल बाल कैदियों के भागने की घटना के बाद पिछले हिस्से में दीवार से लटके मिले चादर को संदेह के घेरे में लिया गया है. कर्मियों ने बताया कि पर्यवेक्षण गृह कैद 24 बाल कैदियों को रात्रि 10:30 बजे खाना खिलाकर सुलाया गया था.