जमशेदपुर : कोल्हान विश्वविद्यालय एक बार फिर अपने कारनामे को लेकर चर्चा में है. इस बार विश्वविद्यालय की अोर से सीबीसीएस के आधार पर इंटरनल परीक्षा ली गयी. इस परीक्षा को विवि द्वारा ले तो लिया गया, लेकिन परीक्षार्थियों को विवि की अोर से ना तो रोल नंबर और न ही रजिस्ट्रेशन नंबर जारी किया गया है.
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केयू का कारनामा
जमशेदपुर : कोल्हान विश्वविद्यालय एक बार फिर अपने कारनामे को लेकर चर्चा में है. इस बार विश्वविद्यालय की अोर से सीबीसीएस के आधार पर इंटरनल परीक्षा ली गयी. इस परीक्षा को विवि द्वारा ले तो लिया गया, लेकिन परीक्षार्थियों को विवि की अोर से ना तो रोल नंबर और न ही रजिस्ट्रेशन नंबर जारी किया […]
बगैर रोल नंबर व रजिस्ट्रेशन नंबर के विद्यार्थियों की परीक्षा उनके क्लास रोल नंबर के आधार पर ही ले ली गयी. प्रथम दृष्टया में इसमें विश्वविद्यालय प्रशासन और कॉलेज प्रशासन दोनों की लापरवाही सामने आ रही है. वहीं, दोनों की लापरवाही का खामियाजा विवि के हजारों विद्यार्थियों को उठाना पड़ रहा है. इंटरनल मार्क्स फाइल की समस्या की वजह से विवि के विभिन्न कॉलेजों के हजारों विद्यार्थी फेल हो गये. विवि की अोर से उक्त विद्यार्थियों को प्रोमोटेड पास कर उनका रिजल्ट प्रकाशित किया गया है. इधर, इस मामले में कोल्हान के परीक्षा नियंत्रण विभाग ने बताया कि कॉलेजों ने कॉलेज रोलकोड के मुताबिक इंटरनल परीक्षा का अंक भेजा, जबकि रिजल्ट विवि के रोल नंबर और रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर जारी किया जाता है. विवि व कॉलेजों के बीच तकनीकी पेंच में विवि के विद्यार्थियों का ना सिर्फ सेमेस्टर लेट हो रहा है, बल्कि वे फेल भी हो रहे हैं.
विवि में सीबीसीएस के तहत पहली बार परीक्षा ली गयी है. कुछ तकनीकी कारणों से आंशिक तौर पर परेशानी हुई है. सभी परेशानियों को दूर करने का प्रयास विवि प्रशासन की अोर से किया जा रहा है. विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रख कर आगे की कार्रवाई की जायेगी.
डॉ एके झा, प्रवक्ता, कोल्हान विवि
रिजल्ट जारी होने के बाद रोल नंबर व रजिस्ट्रेशन नंबर का हो रहा मिलान
कोल्हान विवि में इंटरनल परीक्षा पहले हो गयी. इसके बाद परीक्षार्थियों को विवि का रोल नंबर और रजिस्ट्रेशन नंबर बाद में भेजा गया. इससे कॉलेज प्रबंधन के सामने अब यह समस्या उत्पन्न हो रही है कि आखिर वे किसी विद्यार्थी के रोल नंबर व रजिस्ट्रेशन नंबर का मिलान किस प्रकार करें. कारण है कि कॉलेज में एक नाम के एक से अधिक विद्यार्थी होते हैं. इससे निबटने के लिए को अॉपरेटिव समेत कई अन्य कॉलेजों द्वारा विद्यार्थियों को कॉलेज बुलाया जा रहा है, उनके एडमिट कार्ड के आधार उनके रोल नंबर से मिलान कर उनके अंक विवि में भेजने की तैयारी की गयी है.
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