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एचइसी क्षेत्र में खुलेगा देश का पहला खादी मॉल, एक एकड़ जमीन देगी झारखंड सरकार, संजय सेठ ने कहा, अब नहीं होगा पलायन

खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की कारीगर पंचायत में बोले मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री ने कहा : बाजार की चिंता न करें 15 अगस्त के पहले मॉल का शिलान्यास कराने की है कोशिश खादी बोर्ड के सालाना बजट को भी बढ़ाने जा रही है सरकार मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि देश का पहला खादी मॉल एचइसी […]

खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की कारीगर पंचायत में बोले मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा : बाजार की चिंता न करें
15 अगस्त के पहले मॉल का शिलान्यास कराने की है कोशिश
खादी बोर्ड के सालाना बजट को भी बढ़ाने जा रही है सरकार
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि देश का पहला खादी मॉल एचइसी क्षेत्र में खुलेगा. इसके लिए सरकार 15 दिनों के अंदर खादी बोर्ड को एक एकड़ जमीन उपलब्ध कराने जा रही है. प्रयास है कि 15 अगस्त के पहले इस मॉल का शिलान्यास भी हो जाये. श्री दास रविवार को आयोजित कारीगर पंचायत को संबोधित कर रहे थे.
रांची : झारखंड राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड ने रविवार को खेलगांव स्थित हरिवंश टाना भगत इनडोर स्टेडियम में कारीगर पंचायत का आयोजन किया था. कार्यक्रम के उदघाटन समारोह को मुख्यमंत्री रघुवर दास ने संबोधित किया.
उन्होंने समारोह में आये कारीगरों से कहा कि आप बाजार की चिंता न करें. बस उत्पादन करें. एक-दो माह में बाजार के लिए शहरी और ग्रामीण हाट के साथ-साथ पर्यटन स्थलों पर भी हाट बनाकर बाजार उपलब्ध कराया जायेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार खादी बोर्ड के सालाना बजट को बढ़ाने जा रही है, ताकि हस्तकला में निपुण कारीगरों के जीवन में बदलावा लाया जा सके. स्वावलंबी राज्य बनाने के लिए आप सभी का सहयोग जरूरी है. घर-घर उद्योगों का जाल बिछ सके, इसी सोच के साथ सरकार काम कर रही है.
मीठी क्रांति के लिए झारखंड उपयुक्त
मुख्यमंत्री ने कहा कि मीठी क्रांति (शहद उत्पादन) के लिए झारखंड सबसे उपयुक्त है. भारत सरकार से बात कर झारखंड सरकार दो लाख बॉक्स लोगों काे उपलब्ध करायेगी. बाबा रामदेव ने कहा है कि हम झारखंड का सारा शहद खरीद लेंगे. हमें बाजार की चिंता करने की जरूरत नहीं है. संथाल परगना और कोल्हान में बांस बहुतायत होते हैं.
स्वीडेन की कंपनी आइका के साथ करार हुआ है. झारखंड से पांच लाख टोकरी की डिमांड है. इसे देखते हुए दुमका में 600 महिलाओं को ट्रेनिंग दे रहे हैं. ऑर्गेनिक सब्जियों की मांग यूरोप में खूब है. उत्पादन बेहतर करें, ब्रांडिंग और मार्केटिंग ठीक करें. सबकी मांग है. इसके बाद मुख्यमंत्री ने मशीन और प्रशस्ति पत्र का वितरण किया. शक्ति सिंह, आशा सिन्हा, शुभांगी गुप्ता सहित कई को प्रमाण-पत्र दिया.
मधु के क्षेत्र में झारखंड ही बड़ा काम कर सकता है
समारोह में केंद्रीय राज्यमंत्री सुदर्शन भगत ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी हो, इसके लिए बाजार देने की आवश्यकता है. मधु के क्षेत्र में झारखंड ही बड़ा काम कर सकता है. पद्मश्री अशोक भगत ने कहा कि गांवों में रहनेवाले लोग कैसे उत्पादन कर सकें, इस पर विचार करना चाहिए. विडंबना है कि जरूरतों को पूरा करने के लिए लोग बाहर से सामान खरीद रहे हैं. उद्योग सचिव विनय कुमार चौबे ने कहा कि उद्योग विभाग के अंतर्गत कई बोर्ड बनाये गये हैं. जिसके माध्यम से बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है.
खादी ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि झारखंड में हनी का प्रोडक्शन अच्छा हो सकता है. झारखंड हनी मिशन का अग्रणी स्टेट बने. झारखंंड को मिलने वाले बॉक्स के कोटे को 5,000 से बढ़ा कर 10,000 किया जायेगा. खादी बोर्ड के तीन आउटलेट के सौंदर्यींकरण के लिए राशि उपलब्ध करायी जायेगी.
अब झारखंड से पलायन नहीं होगा
बोर्ड के अध्यक्ष संजय सेठ ने कहा कि अब झारखंड से पलायन नहीं होगा. मीठी क्रांति से स्वरोजगार उत्पन्न हो रहा है. 75 प्रतिशत अनुदान पर सिलाई मशीन उपलब्ध कराया जा रहा है. मौके पर हटिया विधायक नवीन जायसवाल, रांची नगर निगम की मेयर आशा लकड़ा, झारक्राफ्ट के एमडी मंजूनाथ, बोर्ड के सीइओ दीपांकर पंडा आदि उपस्थित थे.
देश व राज्य की उन्नति में उद्योगों की भूमिका अहम : राज्यपाल
रांची : राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि इस वैश्वीकरण के दौर में किसी भी राष्ट्र या राज्य की उन्नति में उद्योगों की अहम भूमिका है़ उद्योग से मतलब केवल बड़े कल-कारखाने से ही नहीं है, बल्कि कुटीर व लघु उद्योग एवं हस्तशिल्प भी है़ं
आधुनिक तकनीकों को विभिन्न क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर अपना कर और ग्रामीणों को रोजगार सुलभ करा कर उनकी मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकता है़
राज्यपाल श्रीमती मुर्मू ने उक्त बातें रविवार को कारीगर पंचायत में कहीं. उन्होंने प्रशस्ति पत्र देकर और 21- 21 सौ रुपये देकर कारीगरों को सम्मानित किया़ केंद्रीय खादी एवं ग्रामोद्याेग बोर्ड के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि कार्यक्रम में आठ-दस हजार महिलाएं शामिल हुई़ं
सीइओ दीपांकर पंडा ने भी विचार रखा. खादी बोर्ड के चेरमैन संजय सेठ ने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान 150 रुपये प्रतिदिन की दर से छात्रवृत्ति दी जाती है़ प्रशिक्षण पूरा करने पर 75 प्रतिशत अनुदान के साथ मशीनें दी जाती है़ सिलाई, टेराकोटा, ब्लॉक प्रिंटिंग, मिट्टी की ज्यूलरी बनाने, मधुमक्खी पालन आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है़

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