17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

महालानोबीस को भूलना नहीं चाहिये

29 जून को देश के वैज्ञानिक व सांख्यिकीविद प्रशांतचंद्र महालानोबीस की 125वीं जयंती ‘राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस’ के रूप में मनायी जाती है. उन्हें द्वितीय पंचवर्षीय योजना का मसौदा तैयार करने के लिए जाना जाता है. सांख्यिकी के क्षेत्र में वे अपनी खोज ‘महालानोबीस दूरी’ के लिए प्रसिद्ध हैं, जो एक सांख्यिकीय माप है. उनका सर्वश्रेष्ठ […]

29 जून को देश के वैज्ञानिक व सांख्यिकीविद प्रशांतचंद्र महालानोबीस की 125वीं जयंती ‘राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस’ के रूप में मनायी जाती है. उन्हें द्वितीय पंचवर्षीय योजना का मसौदा तैयार करने के लिए जाना जाता है.
सांख्यिकी के क्षेत्र में वे अपनी खोज ‘महालानोबीस दूरी’ के लिए प्रसिद्ध हैं, जो एक सांख्यिकीय माप है. उनका सर्वश्रेष्ठ योगदान सैंपल सर्वे की संकल्पना है, जिसके आधार पर आज बड़ी-बड़ी नीतियां और योजनाएं बनायी जा रही हैं. 1931 मे उन्होंने कोलकाता में ‘भारतीय सांख्यिकी संस्थान’ की स्थापना की.
1933 में संस्था ने ‘संख्या’ नामक शोध जर्नल की शुरुआत की. वे एक दूरद्रष्टा थे, जिन्होंने हमेशा आम आदमी की भलाई के लिए ही कार्य किया. देश की आर्थिक योजना और सांख्यिकी विकास के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान कभी भी भुलाया जा नहीं सकता. उनको हमारा सलाम!
विजय कोष्टी, असो. प्रोफे., सांगली

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें