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घाघरा और खटंगा गांव के घरों में पुलिस ने चलाया तलाशी अभियान

तीन पुलिसकर्मियों को बरामद करने के लिए 100 से अधिक घरों की तलाशी, कई घरों के ताले भी तोड़े रांची : सांसद कड़िया मुंडा के आवास की सुरक्षा में तैनात तीन अपहृत पुलिसकर्मियों को बरामद करने के लिए बुधवार की सुबह 10 बजे से लेकर दिन के दो बजे तक घाघरा गांव में पुलिस ने […]

तीन पुलिसकर्मियों को बरामद करने के लिए 100 से अधिक घरों की तलाशी, कई घरों के ताले भी तोड़े

रांची : सांसद कड़िया मुंडा के आवास की सुरक्षा में तैनात तीन अपहृत पुलिसकर्मियों को बरामद करने के लिए बुधवार की सुबह 10 बजे से लेकर दिन के दो बजे तक घाघरा गांव में पुलिस ने सर्च अभियान चलाया. अभियान खूंटी डीसी, एसपी और ग्रामीण एसपी रांची के नेतृत्व में चलाया गया. इस दौरान घाघरा गांव के करीब 100 घरों की तलाशी ली गयी. लेकिन घरों में सिर्फ महिलाएं ही मौजूद थीं. जब पुलिस ने महिलाओं से अपहृत पुलिसकर्मियों के संबंध में पूछा, तो उन्होंने किसी प्रकार की जानकारी होने की बात से इनकार किया. वहीं गांव में घूम रहे युवकों से पुलिस ने पूछताछ की तो युवकाें ने कहा कि वे घाघरा गांव के नहीं हैं. इसलिए उन्हें मामले में अधिक जानकारी नहीं है.
तलाशी के दौरान पुलिस को कुछ घरों में ताला बंद मिला. जिसके बाद पुलिस ने ताला तोड़ कर घरों की तलाशी ली. लेकिन उस वक्त भी कोई नहीं मिला.
इसी बीच करीब दो बजे जोनल आइजी नवीन कुमार सिंह और रांची रेंज के डीआइजी एवी होमकर घाघरा गांव पहुंचे. इसके बाद घाघरा गांव के दूसरे छोर पर स्थित खटंगा गांव में घरों की तलाशी ली गयी. पुलिस ने कुछ लोगों से अपहृत पुलिसकर्मियों के बारे भी पूछताछ की. लेकिन खटंगा के ग्रामीणों ने भी कहा कि उन्हें किसी प्रकार की जानकारी नहीं है.
पुलिस ने युवकों को समझाया, लेकिन नहीं मिला सहयोग
अभियान के दौरान कुछ पुलिसकर्मियों ने गांव के युवकों को समझा-बुझा कर पूछा कि उन्हें सिर्फ रेप के आरोपियों और यूसूफ पूर्ति के अलावा अपहृत तीनों पुलिसकर्मियों के बारे में जानकारी चाहिए. हमें पत्थलगड़ी से कोई मतलब नहीं है. क्या तुम जानते हो कि यूसूफ पूर्ति की पत्नी सरकारी टीचर है. लेकिन वह तुम्हें सरकारी नौकरी में जाने से रोकता है. इस पर युवक ने कहा, मुझे कुछ पता नहीं है. यूसूफ पूर्ति की सुरक्षा में कई लोग रहते हैं. वही बता पायेंगे कि वह कहां है. पुलिसकर्मियों ने एक तरह से युवकों का ब्रेनवाश कर उससे जानकारी एकत्र करने का प्रयास किया. लेकिन युवकों से पुलिस को कोई जानकारी नहीं मिली.
दूर जंगल और पहाड़ों से पुलिस पर थी नजर
पुलिस जब घाघरा गांव में घरों की तलाशी के बाद अभियान चलाते हुए घाघरा गांव से दो किलोमीटर दूर आगे पहुंची, तब पुलिस ने दूर जंगल में खड़े कई ग्रामीणों को देखा. संभवत: वे लोग पुलिस की गतिविधि पर निगरानी रख रहे थे. कुछ जवानों ने उनके समीप जाने का प्रयास किया, तो वे सभी जंगल के और अंदर जाने लगे. वहीं दूसरी ओर गांव से दूर पहाड़ी पर खड़े होकर कुछ लोग पुलिस की गतिविधियों पर नजर रखे हुए थे. ग्रामीणों को देखने के बाद पुलिस को आशंका हुई कि घाघरा में ग्राम सभा की बैठक के बाद भागे लोग शायद पुलिस की गतिविधि पर निगरानी रख रहे हैं या वे पत्थलगड़ी समर्थक हैं जो पुलिस की गतिविधियों की जानकारी पत्थलगड़ी के नेताओं को पहुंचा रहे होंगे. जिसके बाद पुलिस की टीम वहां से घाघरा गांव लौट गयी.
संदिग्धों के मूवमेंट पर रोक
रांची : सांसद कड़िया मुंडा के घर से अगवा तीनों पुलिसकर्मियों की बरामदगी के लिए पुलिस ने कवायद तेज कर दी है़ बुधवार को आइजी नवीन कुमार सिंह व डीआइजी एवी होमकर के नेतृत्व में घाघरा के बाद, खटंगा व घाघडीह गांव में सर्च अभियान चलाया गया़ सर्च के बाद उक्त तीनों गांवों के अलावा सांसद के आवासीय गांव अनिगड़ा के हर इंट्री प्वाइंट पर जवानों की तैनाती कर संदिग्धों के मूवमेंट पर रोक लगा दी गयी है़ इससे पहले मंगलवार शाम से खूंटी डीसी सूरज कुमार व एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा रणनीति के तहत अगवा तीनों जवानों को छुड़ाने की जुगत में लगे रहे़ लेकिन निराशा हाथ लगी़ इसके बाद बुधवार को आइजी व डीआइजी ने मोर्चा संभाला़ अफसरों के साथ बैठ कर दोनों अफसरों ने रणनीति बनायी. इसके बाद फिर से सर्च अभियान शुरू हुआ, जो रात साढ़े आठ बजे तक चला़

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