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सिर्फ 172 डॉक्टरों के भरोसे है एक करोड़ आबादी की सेहत
गया : बेहतर स्वास्थ्य और इलाज का दावा करने वाली प्रमंडल की सबसे बड़ी संस्था मगध मेडिकल काॅलेज व अस्पताल में जरूरत की तुलना में सिर्फ 27 प्रतिशत चिकित्सकों के सहारे काम चलाया जा रहा है. इस अस्पताल के भरोसे लगभग एक करोड़ की आबादी है. अस्पताल में आनेवाले मरीजों का रिकाॅर्ड देखें तो यहां […]
गया : बेहतर स्वास्थ्य और इलाज का दावा करने वाली प्रमंडल की सबसे बड़ी संस्था मगध मेडिकल काॅलेज व अस्पताल में जरूरत की तुलना में सिर्फ 27 प्रतिशत चिकित्सकों के सहारे काम चलाया जा रहा है. इस अस्पताल के भरोसे लगभग एक करोड़ की आबादी है. अस्पताल में आनेवाले मरीजों का रिकाॅर्ड देखें तो यहां गया के अलावा औरंगाबाद, नवादा और झारखंड के चतरा से बहुत मरीज आते हैं. इन चार जिलों की आबादी को जोड़ा जाये तो अांकड़ा एक करोड़ तक पहुंच जायेगा. यहां जरूरतों का हिसाब-किताब देखें तो लगभग 628 चिकित्सक चाहिए, जबकि हैं सिर्फ 172.
इस पूरी स्थिति को देखने के बाद सवाल तो खड़ा होता ही है. कैसे यह अस्पताल बेहतर सेवा का दावा कर सकता है? मरीजों का भरोसा कमजोर क्यों न हो? गया दौरे पर आने वाले राज्य और स्वास्थ्य मंत्री भी अगले कुछ महीनों में अस्पताल में सब कुछ ठीक होने की बात कर चले जाते हैं.
लेकिन, अब तक कीजो स्थिति है उसे देख कर तो लगता है कि वह ‘ अगले कुछ महीने ‘ आने में अभी बहुत वक्त है. अब जब सुप्रीम कोर्ट ने तीन महीने का वक्त दिया है तो यह देखना होगा कि चिकित्सकों की इस समस्या को सरकार और विभाग कैसे सुलझाती है.
काम कर रहे चिकित्सकों को भी परेशानी
लंबे समय से खाली पड़े पदों की वजह से जो डाॅक्टर यहां काम कर रहे वह परेशान हो रहे हैं. पूरा दबाव उन पर ही होता है. अगर विभागों में चिकित्सकों के आंकड़े को देखें तो लगभग सभी विभाग सीनियर व जूनियर रेजिडेंट के ही भरोसे चल रहे हैं. ओपीडी के बंद हो जाने के बाद अधिकतर वरीय चिकित्सक चले ही जाते हैं. केवल इमरजेंसी ड्यूटी वाले ही रहते हैं. ऐसे में वार्ड की पूरी जिम्मेदारी सीनियर व जूनियर रेजिडेंट पर ही रहती है. वरीय चिकित्सकों के नहीं होने की वजह से कई बार रात में किसी मरीज को लेकर स्थिति गंभीर हो जाती है.
आज विभाग में तलब किये गये अधिकारी
बुधवार को पटना स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय में इन सभी विषयों को लेकर बैठक होनी है. मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डाॅ एचजी अग्रवाल व अधीक्षक डाॅ सुधीर कुमार सिन्हा को बुलाया गया है. अधिकारियों के मुताबिक इस बैठक में इन मुद्दों पर ही चर्चा होनी है. अधिकारियों का दावा है कि सरकार और विभाग के स्तर पर इस पूरे गैप को भरने की कोशिश हो रही है.
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