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देश के इतिहास का स्याह काल था आपातकाल

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने देश में आपातकाल लगाने के लिए मंगलवार को कांग्रेस की आलोचना की. साथ ही उन्होंने कहा कि यह देश के लोगों के लिए एक ऐसा संकट था, जो खुद को “ लोकतंत्र का मसीहा ‘ बतानेवाले लोगों द्वारा पैदा किया गया था. श्री त्रिपाठी ने […]

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने देश में आपातकाल लगाने के लिए मंगलवार को कांग्रेस की आलोचना की. साथ ही उन्होंने कहा कि यह देश के लोगों के लिए एक ऐसा संकट था, जो खुद को “ लोकतंत्र का मसीहा ‘ बतानेवाले लोगों द्वारा पैदा किया गया था. श्री त्रिपाठी ने एक बयान में कहा कि आपातकाल का वक्त स्वतंत्र भारत के इतिहास का ‘‘स्याह ” काल था.
उन्होंने कहा कि केंद्र में उस वक्त सत्ता में रही सरकार की गतिविधियां उन दिनों दिखाती थी कि सत्ता की अपनी चाहत को पूरा करने के लिए कोई कितना नीचे गिर सकता है.”
उन्होंने कांग्रेस का नाम नहीं लेते हुए कहा कि यह सिर्फ एक आपातकाल नहीं था. यह भारत के लोगों के लिए पैदा की गयी आपदा थी, वह भी उन लोगों द्वारा जो खुद को लोकतंत्र का मसीहा बताते थे. देशभक्तों को आपातकाल के दौरान कष्ट झेलना पड़ा. व्यावहारिक तौर पर पूरे देश को एक जेल में बदल दिया गया था. आपातकाल के दौरान हजारों मासूम लोगों को 19 महीनों के लिए जेल में रहना पड़ा था.

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