14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

गंडक का रुख देख सहमे ग्रामीण

बरौली : सलेमपुर में गंडक नदी ने कटाव करना शुरू कर दिया है. अब तक इस कटाव में पांच एकड़ से अधिक जमीन गंडक में समाहित हो गयी है. हालांकि, कटाव अभी तटबंध से दूर व किनारे पर है, लेकिन ग्रामीण नदी के इस रुख से भयभीत हैं. 15 जून को वाल्मीकिनगर बराज से 30 […]

बरौली : सलेमपुर में गंडक नदी ने कटाव करना शुरू कर दिया है. अब तक इस कटाव में पांच एकड़ से अधिक जमीन गंडक में समाहित हो गयी है. हालांकि, कटाव अभी तटबंध से दूर व किनारे पर है, लेकिन ग्रामीण नदी के इस रुख से भयभीत हैं. 15 जून को वाल्मीकिनगर बराज से 30 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया. इससे सलेमपुर में नदी के पानी का वेग काफी तेज हो गया व कटाव शुरू हो गयी. ग्रामीणों का कहना है कि अगर इसी तरह नदी कटाव करती रही तो भविष्य में सलेमपुर गांव का अस्तित्व खतरे में पड़ जायेगा.

ग्रामीण सेमरिया और बतरदेह में कटाव की विनाशलीला को याद करते हुए कहते हैं कि वहां भी नदी ने इसी प्रकार से कटाव की शुरुआत की थी, जो बड़ी तबाही मचायी. जल संसाधन और आपदा प्रबंधन विभाग की निगाह इस ओर नहीं गयी है, जबकि ग्रामीणों में भविष्य को लेकर चिंता है.

पहले भी कटाव से नदी में विलीन हो गये हैं कई गांव
2011 में नदी के कटाव से प्रखंड क्षेत्र में भारी तबाही मची थी. नतीजा प्रखंड का सेमरिया गांव आज इतिहास बन कर रहा गया है. आज भी टूटे-फूटे घरों के अवशेष सेमरिया गांव की भव्यता की गाथा गाते हैं, लेकिन इतिहास बन चुके खंडहरों में आज चिड़ियों का भी बसेरा नहीं है. करीब 200 घरों वाला हंसता-खेलता और संपन्न गांव सेमरिया एक झटके में नदी में विलीन हो गया. घर के सामान को कौन कहे, लोगों को अपनी जान बचाकर परिवार के साथ भागना पड़ा. आज सेमरिया के ग्रामीण जहां-तहां बसेरा बना कर विस्थापितों की जिंदगी जीने को विवश हैं. हालांकि नदी में हो रहे कटाव को प्रशासन ने जी-तोड़ मेहनत कर बचाने की कोशिश की,
लेकिन नाकामी हाथ लगी थी. दूसरी घटना 2005 में हुई जब बतरदेह में कटाव शुरू हुआ और देखते ही देखते सारण तटबंध कट गया और हजारों परिवार प्रभावित हो गये. बतरदेह में कटाव से निकले पानी ने बरौली में कम, लेकिन सिधवलिया बैकुंठपुर समेत छपरा जिले में तबाही मचायी. हालांकि, उस समय नदी में पानी काफी कम था, वरना सेमरिया की तरह बतरदेह, कटहरीबारी और सरफरा गांव भी आज इतिहास की गर्त में छुप गये होते.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें