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किसी भी स्थिति में संतों का अपमान नहीं करें : अनिरुद्धाचार्यजी महाराज
रांची : श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर मंदिर, रांची में आयोजित दिव्य श्रीमद्भागवत कथा भक्ति महोत्सव के पांचवें दिन मंगलवार को योगेश्वर श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया गया. जगद्गुरु रामानुजाचार्य श्रीस्वामी अनिरुद्धाचार्यजी महाराज ने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं की विवेचना की. उन्होंने माखन चोरी की लीला, नलकुवर मनीग्रीव के उद्धार की कथा, लोक पितामह श्रीब्रह्माजी के […]
रांची : श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर मंदिर, रांची में आयोजित दिव्य श्रीमद्भागवत कथा भक्ति महोत्सव के पांचवें दिन मंगलवार को योगेश्वर श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया गया. जगद्गुरु रामानुजाचार्य श्रीस्वामी अनिरुद्धाचार्यजी महाराज ने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं की विवेचना की. उन्होंने माखन चोरी की लीला, नलकुवर मनीग्रीव के उद्धार की कथा, लोक पितामह श्रीब्रह्माजी के मोहभंग की कथा, चीर हरण लीला, कालिया मर्दन की कथा, इंद्र के अभिमान को दूर करने के लिए गोवर्धन लीला के साथ भक्ति और शरणागति के महत्व को विस्तार से बताया.
उन्होंने कहा कि भगवान भक्तों के मन की चोरी करते हैं. माखन चोरी करने के लिए घर-घर जाते हैं और भक्तों की अभिलाषा पूरी कर उनके मन को आनंद से भर देते हैं. श्रीस्वामीजी ने कहा कि भगवान यह संदेश देना चाहते हैं कि किसी भी स्थिति में संत-महात्माओं का अपमान नहीं करना चाहिए. छाक लीला के माध्यम से योगेश्वर श्रीकृष्ण ने संसार को यह संदेश दिया कि जगत नियंता भगवान श्रीमन नारायण के किसी भी कार्य पर संशय नहीं करना चाहिए.
श्रीस्वामी अनिरुद्धाचार्य ने गोवर्धन लीला की कथा विस्तार से सुनायी. उन्होंने इस लीला की तार्किक विवेचना करते हुए कहा कि इसके माध्यम से एक तरफ तो भगवान ने इंद्रदेव का अभिमान भंग किया, वहीं दूसरी तरफ लोगों को प्रकृति पूजा का संदेश दिया. श्रीकृष्ण ने इंद्र की पूजा बंद करने का आदेश दिया और गोवर्धन पर्वत की पूजा करने की प्रेरणा दी. भगवान ने कहा था पर्वतों से वृष्टि होती है. वृक्ष लगते हैं. फल मिलते हैं. पशुओं के लिए चारा मिलता है. पर्वत प्रत्यक्ष देवता होते हैं. इससे पूर्व मुख्य यजमान अशोक कुमार राजदेवी राजगड़िया व यजमान गौरीशंकर मंजूलता साबू ने श्रीमद् भागवत महापुराण व श्री स्वामी अनिरुद्धाचार्यजी का विधिवत पूजन किया और आरती उतारी.
इस अवसर पर रामअवतार नारसरिया, गोपाल लाल चौधरी, नारायण प्रसाद जालान, उदय राठौर, सुशील लोहिया, अश्विनी राजगड़िया, अरविंद राजगड़िया, प्रदीप नारसरिया, जगमोहन नारसरिया, नरेंद्र अग्रवाल, अनीश अग्रवाल, अनूप अग्रवाल, घनश्याम दास शर्मा, रामवृक्ष साहू, कन्हैया लोहिया, अंशु मित्तल, मुरारीलाल मंगल, रमेश धरनीधरका, ज्ञान प्रकाश बुधिया, मनोज अग्रवाल, ओमप्रकाश केजरीवाल, रंजन सिंह, एन रामास्वामी व श्रीनिवास सेवा समिति के कार्यकर्ता सहित सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित थे.
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