नयी दिल्ली : भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने किरकिरी से बचने लिए अब यो-यो टेस्ट के बाद ही राष्ट्रीय टीम के लिए खिलाड़ियों का चयन करने का फैसला किया है. बोर्ड को हाल ही में उस समय शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा था जब टेस्ट टीम में शामिल मोहम्मद शमी और एकदिवसीय टीम के लिए चुने गये अंबाती रायुडू यो-यो टेस्ट में विफल हो गये थे.
राष्ट्रीय टीम के लिए चुने गये इन खिलाड़ियों के अलावा इंग्लैंड दौरे के लिए चुने गये भारत ए के खिलाड़ी संजू सैमसन भी इस टेस्ट में विफल रहे थे. अफगानिस्तान टेस्ट, भारत और भारत ए के इंग्लैंड दौरे के लिए टीम की घोषणा पिछले महीने आईपीएल के दौरान की गयी थी. इस मुद्दे पर क्रिकेट प्रशासकों की समिति की बैठक में चर्चा की गयी जिसमें सीओए प्रमुख विनोद राय, डायना इडुल्जी, बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी और क्रिकेट संचालन के महाप्रबंधक सबा करीम उपस्थित थे. बीसीसीआई के एक अधिकारी ने बताया, ‘आगे से खिलाड़ियों का चयन फिटनेस टेस्ट में सफल होने के बाद ही किया जायेगा. इंग्लैड दौरे के लिए टीम का चयन आईपीएल के दौरान हुआ था इसलिए खिलाड़ी चयन के बाद फिटनेस टेस्ट के लिए उपलब्ध हुए.’
उन्होंने कहा, ‘चयन के बाद टेस्ट होने से खिलाड़ी असहज स्थिति में आ जाते हैं और आगे से ऐसा नहीं होगा.’ रायुडू ने आईपीएल में दमदार प्रदर्शन के बूते एकदिवसीय टीम में वापसी की थी, लेकिन बोर्ड द्वारा फिटनेस के लिए तय मानकों पर वह खरे नहीं उतरे और उनकी जगह इंग्लैंड दौरे पर होनेवाली एकदिवसीय शृंखला के लिए टीम में सुरेश रैना को शामिल किया गया है. पिछले कुछ समय से मैदान की बाहर की गतिविधियों के कारण सुर्खियों मे रहे शमी भी यो-यो टेस्ट में सफल नहीं हो सके और अफगानिस्तान टेस्ट के लिए टीम में उनकी जगह दिल्ली के तेज गेंदबाज नवदीन सैनी को शामिल किया गया था. शमी को इंग्लैंड के खिलाफ होनेवाली पांच मैचों की टेस्ट शृंखला के लिए टीम चयन से पहले फिटनेस साबित करने का एक और मौका मिलेग.
सीओए की बैठक में यह भी फैसला किया गया कि आगामी रणजी ट्राफी में शामिल होनेवाली बिहार, उत्तराखंड और पूर्वोत्तर की नयी टीमें ग्रुप डी में एक दूसरे के खिलाफ खेलेंगी और सिर्फ एक टीम क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई करेगी.