सीबीआइ का कहना है कि इंटरपोल के डेटाबेस में उसके पासपोर्ट रद्द होने की जानकारी है, लेकिन उसके संबंध में सूचना देना संबंधित देश पर निर्भर
यूरोपीय देशों व अमेरिका की यात्रा की
नयी दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) नेसोमवार को यहां कहा कि फरार हीरा कारोबारी नीरव मोदी का पासपोर्ट भारत सरकार द्वारा निरस्त किए जाने की जानकारी 24 फरवरी को इंटरपोल केंद्रीय डेटाबेस में दिखने के बावजूद नीरव कई देशों की यात्रा करने में कामयाब रहा. एजेंसी ने कहा कि उसने 15 फरवरी को इंटरपोल के जरिये जारी एक नोटिस में नीरव का पासपोर्ट निरस्त होने की जानकारी साझा की थी. सीबीआइ के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा, ‘‘ विदेश मंत्रालय द्वारा पासपोर्ट निरस्त किये जाने के बाद , हमने ‘ डिफ्यूशन ‘ नोटिस में यह जानकारी अद्यतन की. नीरव मोदी का पासपोर्ट निरस्त किए जाने की जानकारी 24 फरवरी को इंटरपोल केंद्रीय डेटाबेस में उपलब्ध कराई गयी जो सदस्य देशों के लिए उपलब्ध है. ‘
इंटरपोल को भेजे पत्र में सीबीआइ ने नीरव मोदी को सरकार द्वारा जारी पांचों पासपोर्ट की जानकारी दी. ये पासपोर्ट एक दूसरे से लिंक हैं लेकिन नवीनीकरण या बुकलेट भर जाने के कारण उनकी संख्या बदलगयी है. सूत्रों ने कहा कि इंटरपोल केंद्रीय डेटाबेस में सूचना दिखने के बाद ब्रिटेन द्वारा साझा जानकारी के अनुसार, नीरव मोदी 15 मार्च को लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे से हांगकांग, 28 मार्च को न्यूयार्क के जेएफके हवाई अड्डे से हीथ्रो और 31 मार्च को हीथ्रो से चार्ल्स डि गॉले, पेरिस गया.
उन्होंने कहा कि इंटरपोल के जरिये सीबीआइ द्वारा जारी नोटिस के जवाब में सूचना उपलब्ध करायीगयी. सूत्रों ने कहा कि डेटाबेस में अपडेट होने के बाद संदिग्ध की गतिविधि के बारे में सूचना साझा करना सदस्य देश के ऊपर है और एजेंसी उनसे जानकारी साझा करने का केवल आग्रह कर सकती है. सूत्रों ने कहा कि एजेंसी के पास नीरव मोदी के बारे में कोई विश्वसनीय सूचना नहीं है. उन्होंने कहा कि सीबीआइ के आग्रह पर इंटरपोल द्वारा यह नोटिस जारी किया गया और एजेंसी ने उन छह देशों से संपर्क किया जहां नीरव के भागने की आशंका थी. एजेंसी ने इन देशों से नीरव की उपस्थिति और उसकी गतिविधियों के बारे में जानकारी साझा करने का आग्रह किया.
एजेंसी के सूत्रों ने कहा कि एजेंसी ने 25 अप्रैल, 22 मई, 24 मई और 28 मई को ब्रिटेन को इंटरपोल समन्वय एजेंसी को ये स्मरण पत्र भेजे. उन्होंने कहा कि अमेरिका, सिंगापुर, बेल्जियम, यूएइ और फ्रांस की एजेंसियों को भी इसी तरह के स्मरण पत्र भेजे गये. यह मामला नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी द्वारा सरकारी पंजाब नेशनल बैंक के साथ गारंटी पत्र और विदेशी साख पत्रों के जरिये करीब 13 हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से संबंधितहै. दोनों आरोपी जनवरी के पहले सप्ताह से फरार हैं.