पटना : गया गैंगरेप पर राजनीतिक पार्टियां लगातार अपनी सियासी रोटियां सेंकने में लगी हुई हैं. एक तरफ राज्य में बढ़ते क्राइम ग्राफ को लेकर राजद सुशासन को लेकर सरकारी मशीनरी पर सवाल उठा रहा है. वहीं, रेप पीड़िता की पहचान उजागर करने के बाद अब राजद चौतरफा घिरती जा रही है. पुलिस ने राजद नेताओं के खिलाफ पीड़िता की पहचान उजागर करने के मामले में दर्ज कर लिया है. वहीं, राज्य महिला आयोग ने इस मामले में राजद नेताओं को नोटिस जारी करने की बात कही है. साथ ही इस मामले में राजद अब खुद अन्य राजनीतिक दलों के निशाने पर आ गया है.
इस बीच, रविवार को जदयू के प्रवक्ता संजय सिंह ने बड़ा बयान दिया है. संजय सिंह ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री और राजद के युवा नेता तेजस्वी यादव जाति देख कर सियासत करते हैं. यही कारण है कि गया के गुरारू में जाति देख कर तेजस्वी ने नेताओं की जांच टीम भेजी. अगर, ऐसा नहीं था तो, जहानाबाद में लड़की से बदसलूकी के बाद तेजस्वी ने क्यों नहीं जांच टीम भेजी .राघोपुर में दलितों के घर जलाये जाने पर जांच टीम क्यों नहीं भेजी. इससे साफ होता है कि तेजस्वी जाति देख कर सियासत करते हैं.
इससे पहले, इसी मामले में राजद की सहयोगी पार्टी कांग्रेस के प्रभारी प्रदेश अध्यक्ष कौकब कादरी ने शनिवार को हमला बोला था. उन्होंने कहा था कि गया में पीड़िता के सामने जो माहौल बनाया गया और उसके साथ जो दुर्व्यवहार किया गया, हम उसकी निंदा करते हैं. जिस तरह से पीड़िता के सामने वहां खींचतान हुई, वह नहीं होनी चाहिए थी.
वहीं, जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने सदन में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा था कि राजद के युवा नेता तेजस्वी यादव ने सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश का उल्लंघन किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी भी हाल में रेप पीड़िता की पहचान को उजागर नहीं किया जा सकता. उसके किसी सगे संबंधी या अन्य बातों का भी जिक्र नहीं किया सकता है, जिससे कि उसकी पहचान खुलासा हो. लेकिन, राजद नेताओं ने पीड़िता के साथ जो सलूक किया वह शर्मसार करनेवाला है.