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रेल व सड़क महासेतु के बीच धंसी बोल्डर क्रेटिंग

हरकत में आया विभाग दिया मरम्मत का निर्देश सरायगढ़ (सुपौल) : मॉनसून प्रारंभ होते ही नेपाल के पहाड़ी इलाकों में बारिश के बाद कोसी नदी के जल स्तर में थोड़ी वृद्धि होते ही कोसी रेल महासेतु और सड़क महासेतु के बीच सुरक्षा गाइड बांध में हाल में किया गया बोल्डर क्रेटिंग तीन स्थानों पर धंस […]

हरकत में आया विभाग दिया मरम्मत का निर्देश

सरायगढ़ (सुपौल) : मॉनसून प्रारंभ होते ही नेपाल के पहाड़ी इलाकों में बारिश के बाद कोसी नदी के जल स्तर में थोड़ी वृद्धि होते ही कोसी रेल महासेतु और सड़क महासेतु के बीच सुरक्षा गाइड बांध में हाल में किया गया बोल्डर क्रेटिंग तीन स्थानों पर धंस गया. इससे खतरे की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. समय रहते इस दिशा में पहल नहीं की गयी तो गाइड बांध के साथ ही महासेतु पर खतरा बढ़ सकता है. वहीं, हल्की बारिश से जलस्तर में वृद्धि के बाद बोल्डर क्रेटिंग का धंसना कहीं न कहीं विभागीय अनियमितता को भी उजागर कर रहा है. बोल्डर क्रेटिंग धंसने की जानकारी जैसे ही विभाग को मिली युद्धस्तर पर मरम्मत करने का निर्देश दिया गया.
शुक्रवार को कोसी ब्रिज इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (केबीआइसीपीएल) के डायरेक्टर अतुल शर्मा, प्रोजेक्टर मैनेजर जे श्री निवासन तथा एनएचएआई के कंसल्टेंट इंजीनियर धुरेश प्रसाद सिंह, निर्मल किशोर तिवारी तथा जेएन सिंह ने संयुक्त रूप से स्थल पर पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया. सरकारी मानक के मुताबिक 15 जून से 15 अक्तूबर तक बाढ़ अवधि रहती है. हर वर्ष बाढ़ अवधि से पूर्व सुरक्षात्मक कार्य के लिए करोड़ों रुपये की राशि खर्च किये जाते हैं.
इतना ही नहीं, हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जल संसाधन मंत्री ललन सिंह ने भी सुपौल पहुंच कर बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य का जायजा लिया था. बावजूद इसके कार्य में कोताही के कारण एक बार फिर बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य की गुणवत्ता प्रभावित हुई है. विभागीय सूत्र की मानें तो वर्ष 2027 तक केबीआईसीपीएल कंपनी की देखरेख में मरम्मत की जानी है. इसके लिए कंपनी को प्रतिवर्ष करोड़ों की राशि एनएचएआई द्वारा दी जाती है.
प्रत्येक छह माह पर 31.9 करोड़ रुपये का होता है भुगतान
एनएचएआई के कंसल्टेंट जेएन सिंह ने बताया कि एफलेक्स बांध 15.50 किलोमीटर, सुरक्षा गाइड बांध 5.50 किलोमीटर तथा एनएच 57 सड़क 10.35 किलोमीटर की मरम्मत व देखरेख वर्ष 2027 तक करनी है. इसके लिए प्रति छह माह पर एनएचएआई द्वारा 31.9 करोड़ रुपये केबीआईसीपीएल कंपनी को भुगतान किया जाता है.
कहते हैं अधिकारी
कोसी रेल व सड़क महासेतु के बीच बोल्डर क्रेटिंग धंस गया है. शीघ्र ही इसकी मरम्मत शुरू कर दी जायेगी. बाढ़ के समय रूटीन कार्य चलता रहेगा. फिलहाल दोनों महासेतु पर कोई खतरा नहीं है. मरम्मत कार्य के लिए स्थल पर पर्याप्त मात्रा में बोल्डर, क्रेटिंग, जियो बैग आदि उपलब्ध हैं.
अतुल शर्मा, डायरेक्टर (केबीआइसीपीएल)

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