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नगर परिषद परिसर में खड़े टैंकर हो गये बर्बाद

लोहरदगा : नगर परिषद क्षेत्र में लोग पेयजल की किल्लत से परेशान हैं. लोगों को बूंद-बूंद पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. नगर परिषद द्वारा दावा किया जा रहा है कि टैंकर से पानी की आपूर्ति की जा रही है लेकिन कही टैंकर से पानी पहुंचाते नहीं देखा जा रहा है. लगभग हर मुहल्ले […]

लोहरदगा : नगर परिषद क्षेत्र में लोग पेयजल की किल्लत से परेशान हैं. लोगों को बूंद-बूंद पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. नगर परिषद द्वारा दावा किया जा रहा है कि टैंकर से पानी की आपूर्ति की जा रही है लेकिन कही टैंकर से पानी पहुंचाते नहीं देखा जा रहा है. लगभग हर मुहल्ले में पेयजल की परेशानी से लोग जूझने को विवश हैं. जनता की गाढ़ी कमाई से खरीदे गये टैंकर पुराने नगर परिषद परिसर में कबाड़ में तब्दील हो रहे हैं. नगर परिषद द्वारा 2016 में 12 टैंकर की खरीदारी 18 लाख रुपये की लागत से की गयी थी. लेकिन ये टैंकर कभी परिसर से बाहर निकाले ही नहीं गये. क्योंकि इन्हें खींचने के लिए टैक्टर ही नहीं थे. खुले आसमान के नीचे पड़े-पड़े टैंकर खराब हो गये. बताया जाता है कि टैंकर की गुणवत्ता की बगैर जांच किये इसकी खरीदारी की गयी थी.

जिसके कारण ये टैंकर साल भर में ही सड़ने लगे. टैंकर में जगह-जगह छेद हो गया है. आम जनता की सुविधा के लिए खरीदे गये ये टैंकर कमीशन खोरो के चक्कर में पड़ कर जनता की गाढ़ी कमाई बर्बाद हो गयी. आज शहर की जनता पानी के लिए परेशान है और कमीशन खोरी करनेवाले लोग मुंह छुपाये फिर रहे हैं. नगर परिषद में जनता के पैसे का जम कर दुरूपयोग किया गया. यही कारण है कि आज लोहरदगा शहर में समस्याओं का अंबार लगा है.

जनता की समस्याओं के निदान को लेकर कोई भी व्यक्ति ईमानदारी पूर्वक ध्यान नहीं दे रहा है. जनता खुद को ठगा महसूस कर रही है. आम लोगों का कहना है कि यदि टैंकर कि स्थिति ठीक होती तो आज लोगों को पानी के लिए दर-दर की ठोकरें नहीं खानी पड़ती. शहर में जलापूर्ति व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गयी है. कोयल नदी में स्थित इंटकवेल पिछले बरसात में बह गया था. जिसके कारण शहर में नियमित रूप से पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है.

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