बीजिंग/सोल : अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने गुरुवारको आगाह किया कि उत्तर कोरिया के परमाणु निरस्त्रीकरण का लक्ष्य हासिल करने को लेकर अभी भी संदेह है. पोम्पियो ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के बीच ऐतिहासिक शिखर वार्ता से अवगत कराया.
पोम्पियो ने कहा, अभी भी संदेह है कि हम परमाणु निरस्त्रीकरण का लक्ष्य हासिल नहीं कर पायेंगे तथा इसके लिए अभी और काम करना पड़ेगा. ट्रंप और किम जोंग उन के बीच सिंगापुर में हुई वार्ता के बारे में अमेरिकी विदेश मंत्री ने अपने चीनी समकक्ष को अवगत कराया है. उन्होंने कहा, उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन यह समझते हैं कि परमाणु निरस्त्रीकरण ‘जल्द से जल्द’ होना चाहिए. उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं होगी तब तक प्योंगयांग को पाबंदियों से कोई राहत नहीं मिलेगी. पोम्पियो ने कहा कि उत्तर कोरिया के पूरे, सत्यापित किये जा सकनेवाले और अपरिवर्तनीय परमाणु निरस्त्रीकरण की प्रक्रिया के प्रति वाशिंगटन प्रतिबद्ध बना हुआ है.
इससे पहले सिंगापुर में हुए अमेरिका-उत्तर कोरिया शिखर सम्मेलन के बाद जो साझा बयान जारी किया गया था, उसकी इस बात को लेकर आलोचना हुई थी कि उसमें प्योंगयांग द्वारा परमाणु हथियारों को खत्म करने की योजना को लेकर कुछ भी स्पष्ट रूप से नहीं कहा गया. उन्होंने कहा, ‘हमारा मानना है कि किम जोंग उन यह समझते हैं कि इसे जल्द से जल्द करने की जरूरत है.’ वाशिंगटन के शीर्ष राजनयिक मंगलवार को हुई ऐतिहासिक वार्ता के बारे में दक्षिण कोरिया तथा जापान के अपने समकक्षों को जानकारी देने के लिए सोल गये थे. शिखर वार्ता के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणियों से तोक्यो और सोल में भ्रम और चिंता की स्थिति बन गयी थी. दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के साथ साझा संवाददाता सम्मेलन में पोम्पियो ने कहा था कि उत्तर कोरिया का परमाणु निरस्त्रीकरण किस तरह हासिल किया जा सकेगा इस बारे में सहयोगियों के बीच स्थिति स्पष्ट नहीं है.
पूवर्वर्ती अमेरिकी प्रशासनों और ट्रंप नीति की तुलना करते हुए पोम्पियो ने कहा, पहले वह पूरा परमाणु निरस्त्रीकरण होने से पहले ही आर्थिक और वित्तीय राहत दे देते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होनेवाला, राष्ट्रपति ट्रंप ने यह स्पष्ट कर दिया है. पोम्पियो की यह टिप्पणी उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया की उन खबरों की पृष्ठभूमि में आयी है जिनमें बुधवार को कहा गया था कि ट्रंप ने वार्ता के दौरान सैन्य अभ्यास रोकने और प्योंगयांग पर लगाये प्रतिबंध हटाने का प्रस्ताव दिया है.