सेंट पीटर्सबर्ग : उसके दो मैत्री मैच रद्द कर दिये गये और उसके खिलाड़ियों के लिये एक नामी कंपनी ने विश्व कप किट भेजने से मना कर दिया लेकिन मैदान से बाहर की इन तमाम समस्याओं के बावजूद ईरान फीफा विश्व कप 2018 में शुक्रवार को यहां मोरक्को के खिलाफ होने वाले मैच में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिये तैयार है.
ईरान के कोच कार्लोस कुइरोज का मानना है कि नाइकी का उनकी टीम को विश्व कप किट नहीं भेजने के फैसले से खिलाड़ी एकजुट हुए है और इसका फायदा टीम को मैदान पर मिलेगा. नाइकी ने घोषणा की थी कि ईरान के खिलाफ अमेरिका के प्रतिबंधों के कारण उसे ईरानी टीम को फुटबॉल के जूते मुहैया कराने के लिये मना कर दिया गया है.
आखिरी क्षणों में लिये गये इस फैसले से टीम की तैयारियों पर असर पड़ा है क्योंकि रिपोर्टों के अनुसार कुछ खिलाड़ियों को रूसी दुकानों से खुद जूते खरीदने पड़े या फिर उन्हें क्लब के अपने साथियों की मदद लेनी पड़ी. कुइरोज ने स्काई स्पोर्ट्स से कहा, यह हमारे लिये प्रेरणास्रोत बन गया है.
नाइकी की टिप्पणी मेरे लिहाज से अनावश्यक थी क्योंकि प्रतिबंधों के बारे में हर कोई जानता है. उसे सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए क्योंकि 23 खिलाड़ियों के खिलाफ उसका दंभी रवैया हास्यास्पद और गैरजरूरी है.
ईरान की मोरक्को के खिलाफ मैच से पहले तैयारियां भी अनुकूल नहीं रही क्योंकि यूनान और कोसोवो के खिलाफ उसके मैत्री मैच रद्द कर दिये गये थे. अभी यह देखा जाना बाकी है कि क्या कुइरोज के विद्रोही तेवरों का टीम को कुछ फायदा मिलेगा क्योंकि गुरुवार के मैच में जो भी टीम हारेगी उसके लिये अंतिम 16 में जगह बनाने की राह मुश्किल हो जाएगी.इसके बाद वह पुर्तगाल और स्पेन जैसी मजबूत टीमों को हराकर ही आगे बढ़ने के बारे में सोच सकती है. कुइरोज ने कहा, हम पहले मैच में मोरक्को को हैरान करने की क्षमता रखते हैं. हम उनकी टीम को अच्छी तरह से जानते हैं लेकिन हमें लगता है कि वे हमारे बारे में बहुत कम जानते हैं.
ब्राजील में चार साल पहले लियोनेल मेस्सी के आखिरी क्षणों के गोल के कारण ईरान आगे नहीं बढ़ पाया था लेकिन इसके बावजूद उसने कुइरोज पर विश्वास बनाये रखा. रीयाल मैड्रिड के इस पूर्व कोच ने ईरान को एशियाई रैंकिंग में सातवें स्थान से शीर्ष पर पहुंचाया. यही नहीं ईरान विश्व कप के लिये क्वालीफाई करने वाली पहली टीम थी.
लेकिन स्पेन और पुर्तगाल के खिलाफ उलटफेर की संभावना जगाने से पहले उसे हर हाल में मोरक्को को हराना होगा जिसने क्वालीफाईंग के दौरान एक भी गोल नहीं गंवाया था. मोरक्को के फ्रांसीसी कोच हर्व रेनार्ड ने अपनी टीम को कड़ी मेहनत करना सिखाया और रक्षापंक्ति में अनुशासन भरा है.
मोरक्को 1998 के बाद पहली बार विश्व कप में भाग ले रहा है और संगठित होने के कारण ही वह यहां तक पहुंच पाया है. स्पेन ने अपने शुरुआती मैच से दो दिन पहले अपने कोच जुलेन लोपेटेगुई को बर्खास्त कर दिया. ऐसे में मोरक्को और ईरान की उलटफेर की उम्मीदें जाग गयी होंगी लेकिन इन दोनों की निगाह शुक्रवार को यहां जीत के साथ सकारात्मक शुरुआत करने पर रहेगी. रेनार्ड ने कहा, हमें मुश्किल ड्रॉ मिला है और हमें हर मौके का पूरा फायदा उठाना होगा.