मुंबई : निर्देशक जोया अख्तर ने फेसबुक पर अपने एक पोस्ट के जरिये पहले घबराहट के दौरे और इससे उबरने के अपने अनुभव के बारे में खुलकर बात की. पैनिक अटैक या घबराहट के दौरे अचानक पैदा होने वाले तीव्र भय या घबराहट के हमले को कहते हैं.
ऐसे दौरे अपेक्षाकृत छोटी अवधि के होते हैं. पहली बार के दौरे में दिल के दौरे या तंत्रिका अवरोध (नर्वस ब्रेकडाउन) का डर रहता है. इस दौरान व्यक्ति को पूरे शरीर में सुन्नता, एकाकीपन का अनुभव हो सकता है, सांस की तकलीफ, दम घुटने की अनुभूति या अपने ऊपर नियंत्रण खोने जैसा महसूस हो सकता है.
जोया जाने-माने पटकथा लेखक जावेद अख्तर और फिल्मकार हनी ईरानी की बड़ी संतान हैं. उन्होंने ‘ह्यूमंस ऑफ बॉम्बे’ समूह के लिए फेसबुक पर लंबा-चौड़ा पोस्ट लिखा.
यह समूह मुंबई के लोगों की रोजमर्रा की कहानियां साझा करता है. जोया ने कहा, 27 की उम्र में घबराहट के दौरे आना मेरी सबसे बड़ी चुनौती थी. यह ऐसा नहीं था जिसे आप अनदेखा कर सकते थे.
आप बेफिक्र होकर चैन से बैठ नहीं सकते और आप मानसिक विकार के दलदल में फंसते चले जाते हैं. मैंने इसके लिए तुरंत मदद ली. चीजों को सही होने में थोड़ा वक्त लगा लेकिन अब मैं पहले से ठीक हूं.
अपने इस पोस्ट में जोया ने अपने भाई फरहान अख्तर समेत पूरे परिवार के बारे में बात की. जोया ‘जिंदगी न मिलेगी दोबारा’ और ‘दिल धड़कने दो’ जैसी फिल्मों का निर्देशन कर चुकी हैं.