पटना : केंद्र व राज्य सरकार की नीतियों को जनविरोधी बताते हुए शरद यादव सोमवार को सड़क पर उतरे. इस दौरान उन्होंने जीएसटी और नोटबंदी को व्यापार व उद्योग विरोधी बताया. साथ ही कहा कि पेट्रोल व डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं.
महंगाई अपनी चरम पर है. किसान आत्महत्या कर रहे हैं. बेरोजगारी बढ़ रही है. ये बातें उन्होंने विरोध मार्च के दौरान कहीं. लोकतांत्रिक जनता दल ने इसका आयोजन कारगिल चौक से किया था. मार्च को राजभवन तक जाना था और शरद यादव को राज्यपाल से मिलने का कार्यक्रम था, लेकिन पुलिस ने इसे जेपी गोलंबर के पास ही रोक दिया.
इसके बाद शरद ने इस मार्च के समापन की घोषणा कर दी. पार्टी के अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बैरियर पार करने की कोशिश की, इस दौरान पुलिस से उनकी धक्का-मुक्की और झड़प हुई. अर्जुन राय सहित कुछ नेता गिर गये. हालांकि, उन्होंने पुलिस पर लाठीचार्ज का आरोप लगाया और इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया.
जुलूस में बड़ी संख्या में लोग साइकिल, टमटम और बैलगाड़ियों पर सवार थे. विरोध मार्च में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी, पूर्व मंत्री रमई राम, राजेंद्र प्रसाद यादव, बिनू यादव आदि शामिल थे. इधर, पार्टी का कहना है कि पुलिस लाठीचार्ज के दौरान कई कार्यकर्ता घायल हो गये. इसके विरोध में 13 जून को काला दिवस मनाया जायेगा.