पाटन : नावाजयपुर थाना क्षेत्र के नावाखास निवासी भगवान प्रसाद साव (30) की टांगी से मार कर हत्या कर दी गयी. घटना रविवार रात्रि 8:15 बजे की है. घटना का कारण भूमि विवाद बताया जा रहा है. मृतक के परिजनों ने रुदीडीह के बीरेंद्र गिरी के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. घटना से आक्रोशित लोगों ने सोमवार की सुबह पांच बजे से 12 बजे तक पाटन – पदमा पथ को नावाखास में जाम कर दिया. वहीं, नावाखास के सभी दुकानें बंद रही.
सूचना मिलने पर डीएसपी सुरजीत कुमार, सीओ विमल सोरेन जाम स्थल पर पहुंचे. काफी मशक्कत के बाद जाम हटा. जामकर्ता हत्यारे की अविलंब गिरफ्तारी, पांच लाख रुपये का मुआवजा, मृतक के पत्नी के नौकरी व नावाजयपुर थाना प्रभारी को हटाने की मांग कर रहे थे.
क्या है मामला
रुदीडीह के वीरेंद्र गिरी चहारदीवारी देने का काम शुरू किया था. लेकिन नावाखास के भगवान प्रसाद उर्फ भगवान साव ने उस जमीन को अपना बताते हुए चहारदीवारी कार्य को करने से रोक दिया था. इसकी जानकारी भगवान प्रसाद ने नावाजयपुर पुलिस को दी थी. पुलिस ने यह आश्वासन दिया था कि मंगलवार को दोनों पक्षों के कागजातों को देखने के बाद विवादित स्थल पर मामले को सुलझाया जायेगा. इस बीच भगवान प्रसाद अपनी रुदीडीह स्थित पान दुकान में काम करने चला गया था.
इधर बीरेंद्र गिरी ने रविवार को पुन: चहारदीवारी देने का काम शुरू किया. जिसका विरोध भगवान प्रसाद ने किया. दिन में मामला शांत रहा. लेकिन रात में पुन: भगवान प्रसाद बीरेंद्र गिरी द्वारा कराये जा रहे बाउंडरी कार्य को अवैध बताया. आरोप है कि इसी बीच विवाद बढ़ गया और बीरेंद्र गिरी टांगी लेकर घर से आया और भगवान प्रसाद के सिर पर वार कर दिया. इस कारण भगवान प्रसाद बुरी तरह से घायल हो गया. स्थानीय लोगों के मदद से भगवान प्रसाद को अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया. इधर घटना के बाद बीरेंद्र गिरी अपने घर पर ताला जड़ कर सपरिवार फरार हो गया.
थाना प्रभारी को हटाने की मांग
घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीण नावाजयपुर थाना प्रभारी भिखारी राम को हटाने की मांग कर रहे थे. ग्रामीणों की शिकायत है कि नावाजयपुर थाना प्रभारी द्वारा मामले का निष्पादन अविलंब नहीं किया गया. यदि भगवान प्रसाद के मामले को तुरंत सुलझा लिया जाता, तो हत्या की घटना नहीं होती. ग्रामीणों ने यह भी कहा कि कुछ दिन पूर्व घोरही में टेंपो दुर्घटना हुई थी. इस दुर्घटना में रुदीडीह निवासी अशोक प्रसाद की मौत हो गयी थी. पुलिस की पहल पर दोनों पक्षों के बीच समझौता हुआ था, जिसमें एक लाख 60 हजार मुआवजा दिये जाने की बात टेंपो मालिक ने कही थी. लेकिन पुलिस इस मामले में निष्क्रिय रही. हत्या की इस घटना का जिम्मेवार पुलिस को ही बताया जा रहा था. इस कारण जाम करने वाले लोग जाम हटाने का नाम नहीं ले रहे थे. इसके लिए प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी. डीएसपी सुरजीत कुमार ने लोगों क आश्वस्त किया कि जल्द ही आरोपी की गिरफ्तारी की जायेगी. वहीं सीओ विमल सोरेन ने कहा कि सरकारी प्रावधान के तहत जो कुछ भी संभव हो सकेगा. मौके पर पुलिस निरीक्षक संजय कुमार गिरी, पाटन थाना प्रभारी प्रमोद कुमार, नावाजयपुर थाना प्रभारी भिखारी राम सहित मनातू पुलिस मौजूद थी.