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तेजस्वी की खिसक रही जमीन, 2019 में नरेंद्र मोदी ही बनेंगे PM, रालोसपा की इफ्तार पार्टी में जदयू-लोजपा नेता नहीं हुए शामिल

पटना : रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि रालोसपा एनडीए के साथ मजबूती से खड़ा है. एनडीए के साथ मिल कर रालोसपा 2019 में चुनाव लड़ेगी. नरेंद्र मोदी फिर पीएम बनेंगे. तेजस्वी प्रसाद यादव द्वारा ऑफर दिये जाने के सवाल के जवाब में कुशवाहा ने कहा […]

पटना : रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि रालोसपा एनडीए के साथ मजबूती से खड़ा है. एनडीए के साथ मिल कर रालोसपा 2019 में चुनाव लड़ेगी. नरेंद्र मोदी फिर पीएम बनेंगे. तेजस्वी प्रसाद यादव द्वारा ऑफर दिये जाने के सवाल के जवाब में कुशवाहा ने कहा कि तेजस्वी की खुद की जमीन खिसक रही है. कुशवाहा ने कहा कि पहले वे खुद को देखें.उन्होंने कहा किराजद ने अपना आधार खो दिया है. आधार खोजने के लिए, वे ऐसे बयान दे रहे हैं. लेकिन, वे मेरे लिए कुछ भी नहीं हैं. देश हित में नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री बने रहना जरूरी है. वह अगली बार भी प्रधानमंत्री होंगे. मालूम हो कि तेजस्वी यादव ने रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को ‘महागठबंधन’ में शामिल होने के लिए निमंत्रण दिया था.

साथ ही उन्होंने इशारों ही इशारों में एक बार फिर मुख्यमंत्री पद पर अपना दावा ठोका. रालोसपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की ओर से रविवार को अंजुमन इस्लामिया हॉल में आयोजित दावत-ए-इफ्तार में केवल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय व उनके साथ भाजपा के कुछ नेता ही पहुंचे. जबकि, जदयू व लोजपा के कोई भी नेता इसमें शामिल नहीं हुए.
नित्यानंद राय ने तेजप्रताप यादव की नाराजगी के सवाल पर कहा कि जब कोई पार्टी परिवारवाद के शिकंजा में फंस जाती है, तो उसका पतन शुरू हो जाता है. महागठबंधन को एनडीए की चिंता करने की जरूरत नहीं है. एनडीए अटूट व एकजुट है.
इफ्तार पार्टी में भगवान सिंह कुशवाहा, भूदेव चौधरी, सत्यानंद प्रसाद दांगी, रालोसपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अजहरुल हक, ई अभिषेक झा, हिमांशु पटेल, भोला शर्मा आदि मौजूद थे.
कहा थातेजस्वी यादव ने
तेजस्वी यादव ने कहा था कि केंद्रीय राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा को चार साल से उपेक्षित किया जा रहा है. कुशवाहा बड़े सामाजिक समूह का प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन उस वर्ग से किसी को भी कैबिनेट मंत्री नहीं बनाया गया. दूसरी तरफ, केंद्र सरकार में एक जाति के एक दर्जन से ज्यादा कैबिनेट मंत्री हैं. उपेंद्र कुशवाहा सामाजिक न्याय की धारा से आते हैं. इसलिए उन्हें गोडसे- गोलवलकर और गांधी-आंबेडकर की दो धाराओं में से एक को चुनना होगा. हम उनको महागठबंधन में शामिल होने का न्योता देते हैं.

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