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भारत से ब्रह्मपुत्र के जल की सूचना साझा करेगा चीन

चिंगदाओ/नयी दिल्ली :शंघाई सहयोग संगठन के सलाना सम्मेलन में भाग लेने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को चीन के चिंगदाओ शहर पहुंचे. इस सम्मेलन से इतर पीएम मोदी व चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात हुई. पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने चीन के राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय व वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की. वुहान में […]

चिंगदाओ/नयी दिल्ली :शंघाई सहयोग संगठन के सलाना सम्मेलन में भाग लेने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को चीन के चिंगदाओ शहर पहुंचे. इस सम्मेलन से इतर पीएम मोदी व चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात हुई. पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने चीन के राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय व वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की. वुहान में उनके बीच अनौपचारिक वार्ता के बाद हुई यह मुलाकात भारत-चीन मित्रता को और मजबूती देगी.

दोनों नेताओं की वार्ता के बाद चीन की ओर से भारत को ब्रह्मपुत्र नद के जल संबंधी सूचनाएं साझा करने और भारत से चीन को चावल निर्यात संबंधी सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किये गये. वुहान शिखर वार्ता के करीब छह सप्ताह बाद हुई इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने संबंधों को मजबूत करने के खाके पर चर्चा की. मोदी ने ट्वीट किया कि हमारी बातचीत भारत-चीन मित्रता में नयी शक्ति प्रदान करेगी. दोनों देशों व अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस बैठक को बहुत महत्व दिया है.

सक्रिय भागीदारी का इच्छुक है भारत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एससीओ के महासचिव राशिद अलीमोव से मुलाकात की. मोदी ने कहा कि भारत संगठन की गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी व इसके अन्य सदस्यों के साथ मिल कर काम करने का इच्छुक है. एससीओ के महासचिव ने कहा कि 2017 में पूर्ण कालिक सदस्य बनने के बाद से भारत संगठन को बहुत योगदान दे रहा है.

शी ने स्वीकारा मोदी का न्योता

चीनी राष्ट्रपति शी ने अगले वर्ष भारत में वुहान जैसी अनौपचारिक वार्ता के पीएम मोदी के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है. मालूम हो कि करीब दो माह पहले दोनों नेताओं ने वुहान में अनौपचारिक वार्ता की थी. इसका उद्देश्य पिछले साल डोकलाम गतिरोध के बाद दोनों देशों के सीमा सुरक्षा बलों के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करना और विभिन्न क्षेत्रों में संबंधों को और मजबूत करना था.

व्यापार को 2020 तक 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने पर जोर

मोदी और शी ने दोनों देशों के बीच व्यापार को 2020 तक 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने के प्रयत्न करने का सुझाव दिया.

पाक की मौजूदगी में आतंक पर होगी बात

सम्मेलन में पाकिस्तान भी हिस्सा ले रहा है. इसमें आतंकवाद, चरमपंथ व कट्टरपंथ के खिलाफ जंग में सहयोग बढ़ाने के ठोस तरीकों पर चर्चा होगी. भारत -पाक के संगठन के पूर्ण सदस्य बनने के बाद पहली बार कोई भारतीय पीएम इस सम्मेलन में शिरकत कर रहा है. एससीओ का गठन 2001 में शंघाई में रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाखस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने किया था.

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