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NDA के भाईचारा भोज में शामिल नहीं होने पर कुशवाहा ने दी सफाई, पूछा- अमित शाह के नहीं आने पर क्यों नहीं पूछे जा रहे सवाल

पटना : एनडीए के घटक दलों के बीच उभर रहे मतभेदों को खत्म करने और एकजुटता के लिएभाजपा अध्यक्ष अमित शाह के निर्देश पर बिहार में राजग के घटक दलों के बीच भाईचारा भोज का आयोजन किया गया. इस आयोजन में शामिल नहीं होने पर रालोसपा अध्यक्षउपेंद्र कुशवाहा ने सफाई देते हुए कहा कि सरकारी […]

पटना : एनडीए के घटक दलों के बीच उभर रहे मतभेदों को खत्म करने और एकजुटता के लिएभाजपा अध्यक्ष अमित शाह के निर्देश पर बिहार में राजग के घटक दलों के बीच भाईचारा भोज का आयोजन किया गया. इस आयोजन में शामिल नहीं होने पर रालोसपा अध्यक्षउपेंद्र कुशवाहा ने सफाई देते हुए कहा कि सरकारी काम की व्यस्तता के कारण वह पटना नहीं आ सके. पत्रकारों द्वारा सवाल किये जाने पर उन्होंने कहाकि भोज में अमित शाह भी शामिल नहीं हुए, लेकिन आपलोग उनसे सवाल क्यों नहीं करते.

गौरतलब हो कि राजधानी के ज्ञान भवन में गुरुवार की शाम को एनडीए के घटक दलों के बीच उभर रहे मतभेदों को खत्म करने और एकजुटता के लिएभाजपा अध्यक्ष अमित शाह के निर्देश परबिहार में राजग के घटक दलों के बीच भाईचारा भोज का. आयोजन की मेजबानी भाजपा ने की. इसमें जदयू, लोजपा एवं रालोसपा के तमाम वरिष्ठ-कनिष्ठ नेताओं ने शिरकत की. हालांकि,रालोसपा अध्‍यक्ष उपेंद्र कुशवाहा यहां नहीं आये थे. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नित्यानंद राय और संगठन महामंत्री नागेंद्र नाथ ने सहयोगी दलों के नेताओं कोस्वयं आमंत्रित किया था. राजग गठबंधन में जदयू की वापसी के बाद यह पहला बड़ा आयोजन था. लोजपा और रालोसपा के साथ भी ऐसा आयोजनभाजपा ने पहली बार ऐसा आयोजन किया था. लेकिन उपेंद्र कुशवाहा के नहीं शामिल होने से भोज का रंग थोड़ा फीका रह गया. हालांकि, भोज मेंमुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी, केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान, डॉ अरूण कुमार, रालोसपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्षनागमणि, प्रदेश अध्यक्ष भूदेव चौधरी, सांसद रामकुमार शर्मा के अलावा कई नेताओं ने शिरकत की. आमतौर पर मुख्यमंत्री भोज में हिस्सा तो लेते हैं, परवह भोजन नहीं करते. लेकिन एनडीए द्वारा आयोजित भोज में नीतीश कुमार ने नेताओं के साथ भोजन का भी लुफ्त उठाया.

रालोसपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा- कुशवाहा मुख्यमंत्री मैटेरियल

इस बीच, रालोसपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नागमणि ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा का जनाधार काफी अधिक है. वह वर्ष 2020 में होनेवाले विधानसभाचुनाव में मुख्यमंत्री मैटेरियल हैं. उनके नाम पर राजग को विचार करना चाहिए. नागमिण के इस बयांन के बाद कई तरह के कयास लगाये जा रहे हैं. डिनरडिप्लोमेसी के जरिये भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने सहयोगी दलों को एकजुट करने की कोशिश की. तमाम दलों के नेताओं ने कार्यक्रम में हिस्सालिया. पर, राजनीतिक अटकलबाजियों का दौर भी जारी है.

सीटों के बंटवारे को लेकर नाराज हैं कुशवाहा !

एनडीए की भोज के बाद भाजपा नेता सीपी ठाकुर ने उपेंद्र कुशवाहा के भाईचारा भोज में शामिल नहीं होन पर कहा कि कुशवाहा को मनाने कीजरूरत है. सीटों को लेकर नाराजगी हो सकती है. साथ में यह भी बताया कि पॉलिटिक्स में यह सब चलता रहता है. वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्षनित्यानंद राय ने नाराजगी की बात से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि रालोसपा के कई सीनियर नेता भोज में पहुंचे हैं. उपेंद्र कुशवाहा से बातचीतहुई थी. वे किसी खास काम में व्यस्त हैं, इस वजह से पटना नहीं आ सकें.

एक साथ दिखी तिकड़ी, डिप्टी सीएम ने किया स्वागत

लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा की ओर से राजग के घटक दलों के नेताओं की यह पहलीबैठक है. भाईचारा भोज के बहाने एनडीए अपनी एकजुटता दिखाते हुए विपक्ष को सियासी ताकत दिखायी है. डिप्टी सीएम सुशील मोदी खुद भोज में आनेवाले अतिथियों का स्वागत करते दिखे. भोज के दौरानरामविलास पासवान, सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सुशील मोदी एक साथ बैठे नजर आये. सीएम नीतीश कुमार के आते ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय और डिप्टी सीएम सुशील कुमार माेदी ने उनका स्वागत किया.

‘चेहरे’ और ‘सीटों’ को लेकर बंटता दिखा राजग, भोज के बाद भी नहीं दिख रही एकता

लोकसभा चुनाव में अभी करीब एक साल बाकी है, लेकिन बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में नेतृत्व के ‘चेहरे’ और ‘सीटों’ कोलेकर अभी से टकराव शुरू हो गया है. राजग घटक दलों में शामिल सभी पार्टियां अधिक से अधिक सीटों पर अपनी दावेदारी कर रही हैं.वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) राज्य में खुद को ‘बड़े भाई’ के रूप में पेश कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर दबाव बनारही है. जद (यू) के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी कहते हैं, ”सीटों के बंटवारे को लेकर कोई समस्या नहीं है. बिहार में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं. ऐसे मेंइससे कौन इनकार कर सकता है कि बिहार में नीतीश ही राजग के चेहरा हैं.” उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा में राजग घटक दलों में जद (यू) सबसेबड़ी पार्टी है. लोकसभा चुनाव में सीटों को लेकर अभी कोई बातचीत शुरू नहीं हुई है. हमें उम्मीद है कि जब यह शुरू होगी, तो इसका सकारात्मकसमाधान होगा.

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