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उमस भरी गर्मी से मनुष्य से लेकर जानवर तक हैं परेशान

दस जून के बाद मॉनसून की है संभावना समाहरणालय में लगा तापमान डिस्प्ले महीनों से है खराब लंबी अवधि के धान के बिचड़े की बुआई शुरू करें किसान सहरसा : लगातार गर्म होते मौसम के मिजाज से आम जनजीवन परेशान हो उठा है. लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है. बढ़ती गर्मी से […]

दस जून के बाद मॉनसून की है संभावना

समाहरणालय में लगा तापमान डिस्प्ले महीनों से है खराब
लंबी अवधि के धान के बिचड़े की बुआई शुरू करें किसान
सहरसा : लगातार गर्म होते मौसम के मिजाज से आम जनजीवन परेशान हो उठा है. लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है. बढ़ती गर्मी से बच्चों को स्कूल जाने आने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. वहीं रोजमर्रा की जिंदगी जीने वाले गरीब भी खासे परेशान हैं. लोग गर्मी से भयभीत हो रहे हैं. बाजारों में सन्नाटा दिखता है. जरूरत के लिए घरों से निकलने वाले लोग बढ़ती गर्मी से परेशान हैं. लोग किसी ना किसी छांव के आस में पेड़ों के नीचे समय गंवा रहे हैं. घरों में भी पंखे की हवा गर्मी से राहत दिलाने में असफल है. बिजली की आंख मिचौनी जारी है. मौसम पूर्वानुमान में 10 जून तक तापमान में बढ़ोतरी के आसार जताये गये हैं. पिछले 5 दिनों से 36 डिग्री सेल्सियस से लेकर 38 डिग्री सेल्सियस तक गर्मी पहुंच चुकी है. लोगों के साथ साथ जानवर भी परेशन हैं.
बढ़ गयी है ह्यूमनिटी, पारा पहुंचा 38 के पार: तापमान बढ़ने से ह्यूमनिटी काफी बढ़ गयी है. जो लोगों को बेचैन कर रही है. अगवानपुर कृषि महाविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक संतोष कुमार ने बताया कि ह्यूमनिटी के बढ़ने से गर्मी लोगों को ज्यादा सता रही है. उन्होंने बताया कि गुरुवार को 38 डिग्री सेल्सियस गर्मी मापी गयी है. उन्होंने बताया कि पिछले 5 दिनों में 36 से लेकर 38 डिग्री सेल्सियस तक मौसम गर्म रहा है, जो अगले 10 जून तक रहने की संभावना है. उन्होंने बताया कि कोयी क्षेत्र में 10 से लेकर 15 जून तक मॉनसून एंट्री होने की संभावना है. इस बीच क्षेत्र में कहीं-कहीं बादल छाये रहेंगे एवं कुछ जगहों पर बारिश भी हो सकती है.
धान का बिचड़ा गिराना शुरू करें किसान
अगवानपुर कृषि महाविद्यालय मौसम वैज्ञानिक श्री कुमार ने कृषकों को इस मौसम में ही लंबी अवधि वैरायटी के धान के बिचड़े गिराने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि आगामी 10 से 15 जून तक कोसी क्षेत्र में मॉनसून आने की संभावना है. इसे देखते हुए लंबी अवधि के राजश्री, सवर्णा, सवाना वन, 6444 आदि धान के बिचड़े किसान खेतों में डालें. जिससे अच्छी पैदावार हो सकेगी. उन्होंने कहा कि जानकारी के अभाव में किसान लेट से बिचड़े डालते हैं. जिससे उपज कम होती है. उन्होंने कहा कि इस अवधि में बिचड़ा डालने से धान की पैदावार जहां अधिक होती है, वहीं धान में कम रोग लगते हैं. कृषक इस समय का लाभ उठाते हुए अभी से ही लंबी अवधि के बिचड़े डालने शुरू कर दें.
तापमान डिस्प्ले महीनों से है खराब
समाहरणालय में तापमान व वर्षापात की जानकारी देने वाला लगा एडब्ल्यूएस डिस्प्ले महीनों से खराब पड़ा है. जिस कारण तापमान एवं वर्षापात की जानकारी नहीं हो पा रही है. इस बाबत पूछे जाने पर प्रभारी सांख्यिकी पदाधिकारी भुवनेश्वर कुमार ने बताया कि दिसंबर माह से ही एडब्लूएस डिस्प्ले खराब है. जिसकी जानकारी विभाग को कई बार लिखित रूप से दी गयी है. लेकिन अभी तक ठीक नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा कि इसी डिस्प्ले के आधार पर उन्हें मौसम संबंधी जानकारी मिलती है. इसके खराब रहने के कारण पूर्व के जानकारी के आधार पर सूचना दी जा रही है.

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